इजराइल नहीं, यूरोप के लिए भी मुसीबत बनेगा ईरान, क्या शुरू हो गया प्रॉक्सी वॉर?
TV9 Bharatvarsh July 10, 2025 08:42 AM

अमेरिका और इजराइल की साझा ताकत के सामने कमजोर नजर आने वाले ईरान के पास ऐसी ताकत है जो यूरोप समेत आधी दुनिया को संकट में डाल सकती है. इस ताकत का नाम है हूती. यमन में जड़ें जमा चुके इस विद्रोही गुट को ईरान प्रॉक्सी वॉर के लिए प्रयोग करता रहा है.अब एक बार फिर हूती एक्टिव हैं और तीन दिन के अंदर लाल सागर में तीन धमाके कर चुके हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या मिडिल ईस्ट में अब प्रॉक्सीवॉर शुरू हो गया है.

हूती लड़ाकों ने 3 दिन में 2 ग्रीक शिप पर हमला किया. इसमें एक जहाज डूब चुका है. इसके अलावा लाइबेरियन ओनरशिप वाले 1 जहाज में भी विस्फोटक लगाकर हूतियों ने डुबो दिया है. यह अटैक लाल सागर में किए गए हैं. दुनिया का 12 से 15 प्रतिशत व्यापार इसी रूट से होता है. इसी रूट को एशिया और यूरोप के बीच कनेक्शन माना जाता है. इसके अलावा अरब से यूरोप को ऊर्जा निर्यात करने का मार्ग भी यही है. यहां स्वेज कैनाल के जरिए ही लाल सागर और भूमध्य सागर जुड़ते हैं.

हूती का आसान शिकार हैं यूरोप के जहाज

लाल सगार से स्वेज कैनाल या भूमध्य सागर से एशिया जाने वाले जहाज यमन के होदेईदाह पोर्ट के करीब से गुजरते हैं. इन जहाजों पर हूती के लिए हमले करना आसान है. अगर ईरान के खिलाफ अमेरिका या इजरायल ने कार्रवाई की तो इस बार हूती दो टारगेट पर एक साथ अटैक करेगा. हूती लाल सागर रूट को पूरी तरह बंद कर देगा. इसके साथ ही ईरान से मिली लॉन्ग रेंज मिसाइलों से हमले शुरू कर देगा. हूती के पास एंटी शिप बैलिस्टिक मिसाइलें हैं. लाल सागर रूट को बंद करने के लिए नेवल ड्रोन हैं. इसके साथ ही एंटी शिप माइन्स भी लगा सकता है. हूती के पास 2500 किलोमीटर रेंज वाली बैलिस्टिक मिसाइलें भी हैं. इनसे वो इजरायल पर आसानी से हमले कर सकता है.

रेड सी रूट बंद हुआ तो क्या होगा?

अगर हूती ने लाल सागर रूट को बंद कर दिया तो दुनिया की शिपिंग इंडस्ट्री के सामने सबसे बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा. लाल सागर सबसे व्यस्त समुद्री मार्ग में से एक है. लाल सागर यूरोप को अरब देशों से जोड़ता है, जिसमें जहाज यूरोपीय देशों से पूर्वी भूमध्य सागर होते हुए, स्वेज कैनाल के जरिए लाल सागर में दाखिल होते हैं. लाल सागर में ‘बाब अल मंदाब स्ट्रेट’ 32 किलोमीटर का तंग इलाका है. जहां हूती सबसे ज्यादा हमले कर रहा है. इससे आगे कार्गो शिप अदन की खाड़ी पार करके अरब सागर में दाखिल होते हैं, और वहां से होमुर्ज स्ट्रेट से गुजरते हुए फारस की खाड़ी से अरब मुल्कों तक पहुंचते हैं. इस रूट पर 12 दिन लगते हैं और करीब 11 हजार किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है.

डूब जाएगी अर्थव्यवस्था

अगर लाल सागर रूट बंद हुआ तो जहाजों को फारस की खाड़ी से लौटते हुए होमुर्ज स्ट्रेट से आगे निकलकर अरब सागर में रास्ता बदलना पड़ेगा, जहां से हिंद महासागर के पास ‘केप ऑफ गुड होप’ से अफ्रीका की तरफ बढ़ना होगा. यहां से एक लंबा चक्कर लगाते हुए जहाज यूरोप पहुंचेंगे. इस रूट पर 21 दिन में सफर तय होगा और करीब 19 हजार किलोमीटर का सफर करना पड़ेगा. जो लाल सागर के मुकाबले 9 दिन और करीब 8 हजार किलोमीटर ज्यादा पड़ रहा है.

हूती के इस कदम से शिपिंग इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि यूरोप की अर्थवयवस्था भी डूब जाएगी. हूती के हमलों के चलते जहाजों के इंश्योरेंस पहले ही महंगे हो चुके हैं. रूट बदलने से शिपिंग कंपनियों के लागत बढ़ जाएगी. इससे चीजों के दाम भी बढ़ेंगे. पेट्रोलियम और गैस महंगे हो जाएंगे और इसका सीधा असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.

तेहरान पर संकट आया तो दिखेगी बर्बादी

ईरान ने अमेरिका और इजरायल को इसकी झलक दिखा दी है, अगर तेहरान फिर संकट में घिरा तो ये खतरा वास्तविकता में बदल जाएगा, लेकिन हूती के साथ साथ ईरान ने पूरे अरब में प्रॉक्सी को मजबूत करना शुरू कर दिया है. इराक में ईरान कुर्द फोर्सेस और कबीलों को मजबूत कर रहा है. 8 जुलाई को इरबिल के कुर्द गुटों ने सैन्य वाहनों को आग लगा दी. रिपोर्ट है कि इराक की US समर्थक सरकार के खिलाफ ईरान विद्रोहियों को मजबूत कर रहा है. इसके अलावा लीबिया, सीरिया, लेबनान, अल्जीरिया, समेत कई देशों से विद्रोही गुटों को ताकतवर बना रहा है.यानी अमेरिका और इजरायल ईरान पर हमलों की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन ईरान ने अपने प्लान B के तहत यूरोप से लेकर अरब तक आग लगाने का बंदोबस्त कर दिया है.

– ब्यूरो रिपोर्ट, TV9 भारतवर्ष

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