भारत सरकार नागरिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं लागू करती है। इनमें से कुछ योजनाएं लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाई जाती हैं, जबकि अन्य बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित होती हैं। शिक्षा हर व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, और एक शिक्षित नागरिक देश को मजबूत बनाने में योगदान देता है.
देश में कई बच्चे सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जहां सभी बच्चों को बिना किसी भेदभाव के शिक्षा दी जाती है। भारत में ऐसे कई स्कूल हैं जो कई वर्षों पहले स्थापित किए गए थे। इन स्कूलों को आधुनिक बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री विद्यालय योजना की शुरुआत की गई है। आइए जानते हैं कि इस योजना के तहत विकसित होने वाले स्कूल सामान्य स्कूलों से कैसे भिन्न होंगे.
भारत सरकार ने 2022 में पीएम श्री योजना की शुरुआत की, जिसे पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया के नाम से भी जाना जाता है। इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया जाएगा। इसके तहत 14,500 स्कूलों का विकास किया जाएगा, जो आधुनिक तकनीक से लैस होंगे.
इन स्कूलों में उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाएगा ताकि छात्रों को आधुनिक शिक्षा मिल सके। इस योजना से लगभग 20 लाख छोटे बच्चों को लाभ होगा। योजना का कुल बजट 27,360 करोड़ रुपये है, जिसमें केंद्र सरकार 18,128 करोड़ रुपये का योगदान देगी, जबकि शेष राशि राज्य सरकारें वहन करेंगी.
सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को प्राइवेट स्कूलों की तुलना में सुविधाएं कम मिलती हैं। लेकिन पीएम श्री योजना के तहत, स्कूलों को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जाएगा। इससे भौतिक बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, कक्षाओं को बेहतर बनाया जाएगा और प्रयोगशालाओं की व्यवस्था की जाएगी.
छात्रों को विभिन्न विषयों का व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान किया जाएगा। इसमें वीआर हेडसेट, मल्टीपल लैंग्वेज पेन ट्रांसलेटर, वीडियो रिकॉर्डिंग लैब और खेलों के लिए अच्छे परिसर शामिल होंगे। इसके अलावा, दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रावधान भी किया जाएगा.