चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को कार्यवाही हंगामे के साथ शुरू हुई। विपक्षी कांग्रेस के विधायकों ने पहले प्रश्नकाल को टालने और सीधे प्रस्ताव पेश करने के खिलाफ सदन से वॉकआउट किया।
सरकार ने भाखड़ा और अन्य डैमों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया। जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने यह प्रस्ताव सदन में रखा, जिसमें उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने इन डैमों पर CISF की तैनाती को मंजूरी दी थी, जिसे मौजूदा सरकार ने खारिज कर दिया है।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सरकार पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि “भाखड़ा डैम पर CISF हटाने की बात करने वाली सरकार खुद सचिवालय में CISF की तैनाती कर रही है। क्या वहां मंत्रियों को अपनी सुरक्षा का डर है?”
इस बीच, सरकार ने बेअदबी के मामलों को रोकने के लिए एक विशेष कानून लाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह कानून सभी धर्मों के प्रतिनिधियों, धार्मिक संगठनों और जनता से सुझाव लेने के बाद तैयार किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर कोई जल्दबाज़ी नहीं की जाएगी और सभी कानूनी प्रावधानों का ध्यान रखा जाएगा।
सीएम मान ने यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार के समय डैमों पर CISF की तैनाती को मंजूरी दी गई थी, जिसे अब रद्द करने के लिए विशेष प्रस्ताव लाया जा रहा है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि गांवों के विकास में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 1500 महिला सरपंचों और पंचों को पवित्र स्थल श्री हजूर साहिब, नांदेड़ के दर्शन के लिए भेजा जाएगा।