केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 26 जुलाई को भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को भारत की आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर भारत और 'विकसित भारत' के लक्ष्यों से जोड़ते हुए कहा कि यह समझौता भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में तेजी लाएगा। गोयल ने इस ऐतिहासिक समझौते का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक लोकप्रियता को दिया।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, गोयल ने बताया कि यह समझौता 22-23 वर्षों की लंबी बातचीत के बाद संभव हुआ। उन्होंने कहा, "यह गेम-चेंजिंग एफटीए देश के किसानों, उद्यमियों, एमएसएमई, श्रमिकों, युवाओं और मछुआरों के लिए अनगिनत अवसर लाएगा। यह अब तक के सभी मुक्त व्यापार समझौतों में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण है।" लगभग 30 अध्यायों में यह समझौता उन महत्वपूर्ण विषयों को संबोधित करता है, जिन पर भारत पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नहीं चल पाता था।
दो दशकों की मेहनत का परिणाम
गोयल ने कहा, "इन मुद्दों पर भारत ने आत्मविश्वास के साथ और अपनी शर्तों पर यह समझौता किया है। मुझे विश्वास है कि इसका सकारात्मक प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और इसके लाभ भविष्य में स्पष्ट होंगे।"
संतुलित और जीत-जीत वाला समझौता
मंत्री ने बताया कि यह समझौता एक विकसित देश के साथ हुआ है, जो दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके बावजूद, भारत ने अपनी आर्थिक प्राथमिकताओं और 'रक्षात्मक हितों' को संतुलित किया है। उन्होंने कहा, "डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला गया है; कृषि क्षेत्र की कोई संवेदनशील वस्तु को नहीं खोला गया है; इथेनॉल भी नहीं। यह एक जीत-जीत वाला एफटीए है, जो व्यापक और संतुलित सहयोग पर आधारित है।" गोयल ने कहा कि यह समझौता प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ही संभव हुआ, क्योंकि भारत अब एक सक्षम विकासशील अर्थव्यवस्था है।
भारतीय मसालों और जीआई उत्पादों को बढ़ावा
गोयल ने बताया कि इस समझौते से भारतीय मसालों को यूके के बाजार में शुल्क-मुक्त प्रवेश मिलेगा, जिससे वहां रहने वाली 50 लाख दक्षिण एशियाई मूल की आबादी को लाभ होगा। उन्होंने कहा, "यूके में 50 लाख से अधिक दक्षिण एशियाई लोग रहते हैं, जिनमें 18 लाख भारतीय मूल के हैं। इन सभी के स्वाद को अब लाभ मिलेगा।"
कोल्हापुरी चप्पल और अन्य जीआई उत्पाद
मंत्री ने कोल्हापुरी चप्पल जैसे भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों के लाभ पर जोर दिया। उन्होंने हाल ही में कोल्हापुरी चप्पल के डिज़ाइन के दुरुपयोग की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "अब जब कोल्हापुरी चप्पल निर्यात होंगी, तो भारत को इसका श्रेय मिलेगा।"
श्रम-प्रधान क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
इस समझौते से कपड़ा, जूते, चमड़ा, खिलौने, फर्नीचर और रत्न-आभूषण जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को विशेष लाभ होगा। गोयल ने कहा कि यह समझौता भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थापित करने में मदद करेगा।
डबल कॉन्ट्रीब्यूशन कन्वेंशन समझौता
मंत्री ने डबल कॉन्ट्रीब्यूशन कन्वेंशन समझौते पर भी प्रकाश डाला, जो व्यापार करने की लागत को कम करेगा। उन्होंने कहा, "अब यूके में तीन साल तक सेवा देने वालों का योगदान भारत में उनके ईपीएफओ खातों में स्थानांतरित होगा।"
यूपीए की नीतियों पर उठाए सवाल
गोयल ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा किए गए एफटीए को भारत के हितों के लिए हानिकारक बताया। उन्होंने कहा, "यूपीए सरकार आसियान देशों के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करती थी, जो हमारे साथ प्रतिस्पर्धा करने वाले देश थे।"
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
गोयल ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार के तहत हुए एफटीए उन देशों के साथ हैं, जिनके साथ भारत प्रतिस्पर्धा नहीं करता। उन्होंने कहा, "यह विकसित और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम है।"