Bigg Boss Contestants Selection Process Revealed: पिछले 20 साल से ‘बिग बॉस’ ने भारतीय दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है. एक ऐसी जगह जहां अलग-अलग तरह के सेलिब्रिटी बिना बाहरी दुनिया से संपर्क किए लगभग 100 दिन तक एक साथ रहते हैं. इन 100 दिनों में अपनी जिंदगी का हर पल कैमरा के सामने बिताने वाले इन सेलिब्रिटी का असली चेहरा देखना दर्शकों को खूब पसंद आता है.
24 घंटे बिग बॉस में चलने वाली लड़ाई-झगड़े, दोस्ती, और इमोशनल ड्रामा किसी फिल्म से कम नहीं होता. शायद यही वजह है कि सलमान खान का बिग बॉस आज भी टीवी का नंबर वन शो है. जल्द ही सलमान खान बिग बॉस के नए सीजन के साथ जियो हॉटस्टार और कलर्स टीवी पर एंट्री कर रहे हैं और इस शो में शामिल होने वाले कंटेस्टेंट के नाम भी अब फाइनल हो चुके हैं.
बहुत कम लोग जानते हैं कि बिग बॉस के लिए किसी भी सेलिब्रिटी को यूं ही नहीं चुना जाता. हर सेलिब्रिटी कंटेस्टेंट को बिग बॉस के घर में भेजने से पहले उनकी अच्छी तरह से जांच की जाती है, ताकि वो घर के अंदर के मुश्किल माहौल को झेल सकें और उन्हें कोई बड़ी परेशानी न हो. दरअसल ‘बिग बॉस’ के घर में रहने का मतलब है 24 घंटे कैमरों की निगरानी में रहना, परिवार से दूर रहना, और अजनबी लोगों के साथ हर बात पर समझौता करना. ये सब करना न तो आसान है और न ही सबके लिए मुमकिन. इसलिए शो के मेकर्स चाहते हैं कि उनके कंटेस्टेंट इस शो के लिए पूरी तरह से फिट हो.
1. शुरुआती जांच और इंटरव्यूLaut aaya hoon main leke Bigg Boss ka naya season!
Aur iss baar chalegi – Gharwalon Ki Sarkaar👑Dekhiye #BiggBoss19, 24 August se, sirf @JioHotstar aur @ColorsTV par. pic.twitter.com/Q8quLbtEvX
— Salman Khan (@BeingSalmanKhan)
सबसे पहले क्रिएटिव टीम उन लोगों की लिस्ट बनाती है, जो टीवी, ओटीटी, बॉलीवुड या सोशल मीडिया पर मशहूर हैं. वो उनकी प्रोफाइल देखते हैं और उनके पुराने इंटरव्यू पढ़ते हैं. साथ ही ये जानने की कोशिश करते हैं कि उनकी सोच कैसी है. वो ऐसे लोगों को बतौर कंटेस्टेंट शामिल करना चाहते हैं जिनकी अपनी एक कहानी हो या फिर जिनका नाम किसी विवाद में फंसा हो, या जो अपनी बात बेबाकी से कह सकें.
क्रिएटिव टीम की तरफ से शॉर्टलिस्ट किए गए लोगों को मीटिंग के लिए बुलाया जाता है. ये कोई आम मीटिंग नहीं होती. यहां पर उनसे उनकी जिंदगी, उनके डर, उनका परिवार और उनकी सोच के बारे में गहराई से पूछा जाता है. ये मीटिंग करने वाले जानबूझकर कुछ मुश्किल सवाल भी पूछते हैं, ताकि ये पता चल सके कि दबाव पड़ने पर वो कैसा व्यवहार करते हैं. इससे उनकी मानसिक शक्ति का पता चलता है. कुछ मामलों में, सेलिब्रिटी कंटेस्टेंट के परिवार या फिर करीबियों से भी बात की जाती है ताकि ये पता चले कि वो घर से दूर और बाहरी दुनिया से कटे रहने पर कैसा महसूस करेंगे.
कई टेस्ट के बाद होता है चयन‘बिग बॉस’ के घर में कई बार ऐसे टास्क होते हैं जिनमें बहुत ताकत लगती है. इसलिए, इस शो में शामिल होने वाले कंटेस्टेंट का फिजिकली फिट होना बहुत जरूरी है. इस प्रक्रिया में डॉक्टर के पास जाकर पूरे शरीर की जांच करानी पड़ती है. इसमें ब्लड टेस्ट, ईसीजी की जांच भी शामिल होती है. इन टेस्ट से ये पता चलता है कि उन्हें कोई बड़ी बीमारी तो नहीं है, जैसे शुगर या ब्लड प्रेशर.
कंटेस्टेंट के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करने से पहले ये भी देखा जाता है कि कंटेस्टेंट कितने फिट हैं. शो में कई टास्क ऐसे होते हैं जहां दौड़ना पड़ता है, भारी सामान उठाना पड़ता है, या घंटों तक कोई काम करना पड़ता है. इसलिए, उनकी फिटनेस को लेकर भी पूरी तरह से जांच की जाती है. अगर कोई कंटेस्टेंट हो, जो फिजिकली फिट न हो. लेकिन शो के लिए जरूरी हो, तो बिग बॉस की टीम की तरफ से पूरा ध्यान रखा जाता है कि वो कंटेस्टेंट ऐसे किसी भी टास्क में परफॉर्म न करें, जिससे उसे परेशानी हो सकती है.
फिटनेस चेक अप के समय हर कंटेस्टेंट को अपनी पुरानी चोटों या बीमारियों के बारे में सब कुछ बताना होता है. अगर किसी को कोई पुरानी चोट है, तो वो टास्क के दौरान बढ़ सकती है, इसलिए ये जानकारी बिग बॉस की टीम के साथ शेयर करना बहुत जरूरी है.
#ElvishYadav is crying.
He is missing his mom and can’t wait more.UNBREAKABLE ELVISH YADAV
NATION SUPPORTS FUKRA#Abhisha #ManishaRani #AbhishekMalhan #SalmanKhan #ElvishYadav #ElvishArmy #AbhishekMalhan𓃵 #ElvishYadav𓃵 #Elvisha #BiggBossOTT2 #BBOTT2 pic.twitter.com/IQwx6JBTt3— BiggBoss Wala (@BiggBoss_Wala)
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ‘बिग बॉस’ के घर में किसी भी तरह के नशे की इजाजत नहीं है. इसलिए कंटेस्टेंट का ड्रग्स और अल्कोहल टेस्ट किया जाता है. ताकि ये सुनिश्चित हो सके कि वो किसी भी तरह के नशे के आदी नहीं हैं.
‘बिग बॉस’ का असली खेल दिमाग का है. घर में अकेलापन महसूस होता है. कई बार आपस में चल रहे तनाव और झगड़ों के बीच आपका दिन गुजरता है. इन सब से निपटने के लिए कंटेस्टेंट का मानसिक रूप से मजबूत होना जरूरी है. कई बार सब कुछ तय होने के बावजूद मेंटल फिटनेस के चलते कंटेस्टेंट को शो से बाहर होना पड़ता है.
बिग बॉस में शामिल होने वाले कंटेस्टेंट का एक साइकोलॉजी टेस्ट भी लिया जाता है. इस टेस्ट में उनसे कई तरह के सवाल पूछे जाते हैं, जैसे कि वो गुस्सा कैसे कंट्रोल करते हैं, वो अकेलेपन में क्या सोचते हैं, और क्या वो बंद जगह में रहने से घबराते तो नहीं हैं.
स्ट्रेस टेस्ट में जानबूझकर कुछ ऐसे सवाल पूछे जाते हैं जो उन्हें परेशान कर सकते हैं. ये देखने के लिए कि वो गुस्से या तनाव में क्या करते हैं. इससे पता चलता है कि वो लड़ाई-झगड़े में कैसा व्यवहार करेंगे.
बैकग्राउंड चेककंटेस्टेंट के कई टेस्ट के साथ-साथ मेकर्स उनका बैकग्राउंड भी चेक करते हैं ताकि ये पता चले कि उनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं है.
कॉन्ट्रैक्ट और नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंटकंटेस्टेंट के सभी टेस्ट होने के बाद उनके साथ चैनल कॉन्ट्रैक्ट बना लेता है. इस कॉन्ट्रैक्ट में शो के सभी नियम और शर्तों के साथ कंटेस्टेंट की मांगे भी लिखी जाती है और फिर दोनों पक्ष इस पर साइन करते हैं. इस दौरान सेलिब्रिटीज को एक और एग्रीमेंट साइन करना होता है, जिसे गोपनीयता समझौता (NDA) कहते हैं. इसका मतलब है कि वे शो के बारे में कोई भी बात बाहर नहीं बता सकते ताकि शो का सस्पेंस बना रहे. सलमान खान के शो की टीम का मानना है की ये सारी जांच इसलिए की जाती है ताकि ‘बिग बॉस’ में सिर्फ वही लोग आएं जो इस मुश्किल सफर के लिए पूरी तरह से तैयार हों.