घरेलू नुस्खों से सौंदर्य: दादी-नानी के समय की खूबसूरती के राज
newzfatafat August 06, 2025 06:42 AM
दादी-नानी के सौंदर्य रहस्य

पुराने समय में, हमारी दादी-नानी शायद ही कभी बाजार से खरीदे गए सौंदर्य उत्पादों का उपयोग करती थीं। वे ज्यादातर घरेलू चीजों पर निर्भर रहती थीं। उदाहरण के लिए, काजल का ही लें। आजकल हम महंगे ब्रांडेड आईलाइनर या ऑर्गेनिक काजल खरीदते हैं, जबकि हमारी दादी इसे घर पर आसानी से बना लेती थीं।


बालों की सफाई के लिए भी वे प्राकृतिक तरीकों का सहारा लेती थीं। नियमित रूप से तेल लगाना और मिट्टी से बाल धोना उनके लिए सामान्य था। चेहरे की देखभाल के लिए वे रसोई में उपलब्ध उत्पादों का इस्तेमाल करती थीं। जैसे कि दूध, टमाटर और नींबू का उपयोग कर त्वचा को निखारना। त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए दूध की क्रीम का इस्तेमाल किया जाता था। उस समय के अधिकांश सौंदर्य उत्पाद केमिकल-मुक्त होते थे।



काजल बनाने की विधि भी बहुत सरल थी। दीए में घी और कपड़े की बत्ती डालकर जलाया जाता था, फिर पीतल का एक छोटा बर्तन उसके ऊपर रखकर रात भर छोड़ दिया जाता था। इस काजल को घी के साथ मिलाकर महिलाएं अपनी आंखों में लगाती थीं। इससे उनकी खूबसूरती तो बढ़ती ही थी, साथ ही यह भी माना जाता था कि इससे आंखों की रोशनी में सुधार होता है।


बालों की सुंदरता के लिए भी विभिन्न प्रकार के शैंपू और कंडीशनर का उपयोग किया जाता है, लेकिन पहले के समय में नारियल तेल, सरसों का तेल और आंवले का तेल प्रमुख थे। हफ्ते में कम से कम तीन बार नारियल के तेल में कभी मेथी के दाने या कभी एलोवेरा मिलाकर सिर की मालिश की जाती थी। बालों को रीठा, शिकाकाई या मुल्तानी मिट्टी से धोया जाता था। गुड़हल के फूल का पेस्ट बनाकर सिर पर लगाने से बाल तेजी से बढ़ते थे।


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