Repo Rate : त्योहारी सीजन से पहले RBI का तोहफा नहीं मिला! रेपो रेट स्थिर, जानें अमेरिकी टैरिफ पर गवर्नर का रुख?
et August 07, 2025 12:42 AM
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) ने आज बड़ा फैसला लेते हुए रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रखने का ऐलान किया है. यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया, जिसकी अगुवाई RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने की. पिछले कुछ महीनों में रेपो रेट में तीन बार कटौती हो चुकी है, जिससे कुल 100 बेसिस प्वाइंट की राहत मिल चुकी है. लेकिन अब, त्योहारी सीजन में कर्ज की संभावित मांग को देखते हुए RBI ने फिलहाल किसी बदलाव से दूरी बनाए रखी है. इसके साथ ही, रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति के रुख को भी 'न्यूट्रल' यानी संतुलित बनाए रखा है. SDF दर 5.25% और बैंक रेट 5.75% पर यथावत रखी गई है.



लगातार कम हो रही है महंगाई

RBI ने रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला ऐसे समय में लिया है जब महंगाई लगातार कम हो रही है और विदेशों से जुड़ी कुछ चिंताएं भी सामने आई हैं. दरअसल, जून 2025 में खुदरा महंगाई (CPI) घटकर सिर्फ 2.1% पर आ गई है, जो सरकार के लक्ष्य से भी नीचे है. वहीं दूसरी तरफ, अमेरिका ने 7 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है, जिससे भारत के लिए एक्सपोर्ट (निर्यात) करना महंगा हो जाएगा. इस वजह से व्यापार में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं.



एक्सपर्ट का पहले से था ये अनुमान

कुछ एक्सपर्ट पहले से ही मान रहे थे कि RBI अब रेट में बदलाव नहीं करेगा, क्योंकि इकोनॉमी पर दबाव है और महंगाई भी कम हो रही है. इसके साथ ही, MSME (छोटे उद्योग), हाउसिंग और खुदरा क्षेत्र की तरफ से मांग उठ रही थी कि RBI कम से कम एक और बार ब्याज दर कम करे, ताकि त्योहारी सीजन से पहले लोगों को सस्ते कर्ज मिल सकें और बाजार में रौनक बनी रहे.



अर्थव्यवस्था को संतुलित तरीके से संभालना चाहता है RBI

RBI के इस फैसले से यह साफ होता है कि वह देश की अर्थव्यवस्था को संतुलित तरीके से संभालना चाहता है. वह न तो तेजी से रेट कम कर रहा है और न ही महंगाई से आंखें मूंद रहा है. अब सवाल यह है कि क्या यह फैसला सिर्फ एक बार का है, या RBI आगे भी ब्याज दरें कम करेगा? इसका जवाब RBI की आने वाली गाइडेंस में मिल सकता है.

FY27 की पहली तिमाही के लिए RBI की चेतावनी

RBI ने देश में महंगाई को लेकर एक अहम अनुमान जारी किया है. RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने अब कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में खुदरा महंगाई दर औसतन 3.1% रह सकती है. पहले यही अनुमान 3.7% था, यानी अब उम्मीद है कि महंगाई कुछ कम रहेगी. हालांकि, RBI ने FY27 की पहली तिमाही के लिए चेतावनी भी दी है. उनके मुताबिक, उस समय खुदरा महंगाई (CPI) बढ़कर 4.9% तक जा सकती है, जो RBI के निर्धारित लक्ष्य 4% से ऊपर है. यानी आने वाले समय में फिर से दाम बढ़ सकते हैं.



अगर हम तिमाही के हिसाब से देखें, तो RBI का अनुमान है कि दूसरी तिमाही (Q2) में महंगाई 2.1%, तीसरी तिमाही (Q3) में 3.1% और चौथी तिमाही (Q4) में 4.4% रह सकती है. इससे साफ है कि साल के अंत तक महंगाई धीरे-धीरे बढ़ सकती है.



टैरिफ और वैश्विक व्यापार में आई दिक्कतें भी भारत में कीमतों को कर सकती हैं प्रभावित

RBI ने यह भी कहा कि खाने-पीने की चीजों के दाम, खासकर सब्ज़ियों की कीमतें, आने वाले महीनों में अस्थिर रह सकती हैं. इसके अलावा अमेरिका जैसे देशों द्वारा लगाए गए नए आयात टैक्स (टैरिफ) और वैश्विक व्यापार में आई दिक्कतें भी भारत में कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं. फिलहाल RBI का रुख संतुलित है. उसने साफ किया है कि वह न तो जल्दबाजी में ब्याज दरें बदलेगा और न ही किसी एक दिशा में फैसला करेगा. आगे की नीतियां देश-विदेश की आर्थिक स्थिति को देखकर तय की जाएंगी.

अब तक रेपो रेट में कितनी कटौती हो चुकी है?

RBI ने इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट (जो कि वह दर होती है जिस पर बैंक RBI से लोन लेते हैं) में कुल 100 बेसिस पॉइंट (1%) की कटौती की है. यह कटौती तीन हिस्सों में की गई है.

मौद्रिक नीति समिति (MPC) में कौन-कौन हैं?

इस कमेटी में कुल 6 सदस्य हैं. संजय मल्होत्रा (RBI गवर्नर), पूनम गुप्ता (डिप्टी गवर्नर), राजीव रंजन (RBI के कार्यकारी निदेशक) और तीन बाहरी सदस्य – नागेश कुमार, सौगाता भट्टाचार्य और राम सिंह.

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