सीहोर : जिले स्थित पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में आयोजित कांवड़ यात्रा के दौरान तीन दिनों में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई. यह यात्रा बुधवार को आयोजित की गई थी, जिसमें देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे. प्रशासन के अनुसार, अधिकतर मौतें भीड़भाड़, धक्का-मुक्की और स्वास्थ्य कारणों के चलते हुई हैं. दरअसल, कांवड़ यात्रा में भारी भीड़ उमड़ी थी, जिसकी शुरुआत मंगलवार से ही हो गई थी. उसी दिन दो महिलाओं की धक्का-मुक्की में मौत हो गई. बुधवार को तीन और गुरुवार को दो अन्य श्रद्धालुओं की मौत हुई. मृतकों में राजकोट की जसवंती बेन, फिरोजाबाद की संगीता गुप्ता, गुजरात के चतुर भाई, हरियाणा के ईश्वर यादव, छत्तीसगढ़ के दिलीप सिहारी, उत्तर प्रदेश के उपेंद्र गुप्ता और दिल्ली के अनिल शामिल हैं. प्रशासन का कहना है कि सात में से दो मौतें भीड़ में दबने से, जबकि अन्य पांच मौतें स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हुई हैं. धाम परिसर में सुविधाओं की कमी और उमस भरी गर्मी से भी श्रद्धालु परेशान रहे. भारी भीड़ के कारण भोपाल-इंदौर हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा.
घटना को लेकर कांग्रेस ने पंडित प्रदीप मिश्रा और आयोजन समिति पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि जब विराट कोहली पर भीड़ के चलते केस हो सकता है, तो पंडित मिश्रा पर क्यों नहीं? वहीं बीजेपी की वरिष्ठ नेता कुसुम महदेले ने भी मिश्रा को रुद्राक्ष वितरण बंद करने की सलाह दी.
राजस्व मंत्री और स्थानीय विधायक करण सिंह वर्मा ने इस मामले से स्वयं को अलग करते हुए कहा कि यह श्रद्धा का विषय है. उन्होंने बताया कि कलेक्टर ने जांच के आदेश दे दिए हैं और मौतें स्वास्थ्य कारणों से हुई हैं. प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए बिना अनुमति के डीजे बजाने वाले आठ संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और डीजे जब्त कर लिए गए हैं घटना के तीन दिन बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने बयान जारी कर मृतकों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं. मैं पहले भी कहता रहा हूं कि अगर तबीयत खराब हो तो धाम न आएं, अब भी यही अपील करता हूं. गौरतलब है कि कुबेरेश्वर धाम में इससे पहले भी भारी भीड़ के कारण हादसे हो चुके हैं.