यह घटना पाकिस्तानी पारी के 13वें ओवर की है, जब फातिमा को विकेट के पीछे कैच आउट करार दिया गया। इसके बावजूद 22 वर्षीय ऑलराउंडर कमर पर हाथ रखकर कुछ देर क्रीज पर ही रहीं। इसके बाद धीमे-धीमे कदमों के साथ मैदान से बाहर चली गईं। उनकी इस हरकत को अंपायर के फैसले के प्रति असहमति माना गया।
'आईसीसी' के अनुसार फातिमा को आचार संहिता के अनुच्छेद 2.8 का उल्लंघन का दोषी पाया गया, जो 'अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति जताने' से संबंधित है।
आईसीसी ने एक बयान में कहा, "फातिमा को खिलाड़ियों और खिलाड़ी के सहयोगी कर्मियों के लिए आईसीसी आचार संहिता की धारा 2.8 का उल्लंघन करते पाया गया, जो 'किसी अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अंपायर के फैसले पर असहमति जताने' से संबंधित है।"
इसके परिणामस्वरूप, फातिमा के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक जोड़ दिया गया। यह 24 महीने की अवधि में उनका पहला अपराध है।
फातिमा ने आरोप और दंड को स्वीकार कर लिया, जिसके कारण औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी।
इसके परिणामस्वरूप, फातिमा के अनुशासनात्मक रिकॉर्ड में एक डिमेरिट अंक जोड़ दिया गया। यह 24 महीने की अवधि में उनका पहला अपराध है।
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Article Source: IANS