Nitin Gadkari: सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर इथेनॉल के उपयोग से गाड़ियों के माइलेज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों की चर्चाओं को पूरी तरह से खारिज किया। उन्होंने इसे पेट्रोलियम लॉबी की एक साजिश करार दिया।
गडकरी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल (E20) मिलाने से वाहनों के माइलेज में कमी आने की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने इस विषय पर कहा, 'यह चर्चा का विषय नहीं है। मुझे नहीं पता कि मुझे यह कहना चाहिए या नहीं, लेकिन ऐसा लगता है कि पेट्रोलियम लॉबी इसमें हस्तक्षेप कर रही है।'
उन्होंने आगे कहा, 'आप मुझे दुनिया में ऐसा एक भी वाहन दिखा दीजिए जिसमें इथेनॉल (E20) के कारण कोई समस्या आई हो। मैं आपको खुली चुनौती देता हूं कि E20 में कोई दिक्कत नहीं है।'
पेट्रोलियम मंत्री के बयान पर उठे सवाल
इससे पहले, पेट्रोलियम मंत्री ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि इथेनॉल के कारण गाड़ी के प्रदर्शन या इंजन में खराबी जैसी कोई समस्या नहीं आई है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नई कारों का माइलेज 2 प्रतिशत और पुरानी कारों का 6 प्रतिशत तक गिर सकता है, जिसके लिए पुर्जों को अपग्रेड करने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन इसे नियमित रखरखाव से नियंत्रित किया जा सकता है।
इथेनॉल के उपयोग से भारत का तेल इंपोर्ट बिल घटेगा
गडकरी ने कई बार कहा है कि स्थानीय स्तर पर इथेनॉल के उत्पादन से भारत का तेल इंपोर्ट बिल काफी कम हो सकता है और इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
किसानों को होगा सीधा लाभ
गडकरी ने बताया, 'राष्ट्रीय स्तर पर इथेनॉल के उत्पादन के कारण मक्के की कीमत 1200 से 2600 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई है। इससे यूपी और बिहार में मक्के का रकबा तीन गुना बढ़ा है, जिससे किसानों की आमदनी में वृद्धि हुई है।' उन्होंने भविष्य में 100 प्रतिशत इथेनॉल ईंधन के उपयोग की बात भी की।