चिकनगुनिया का प्रकोप: हाल के दिनों में चीन में चिकनगुनिया वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, लगभग 7,000 लोग इस बीमारी से प्रभावित हो चुके हैं। यह स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि विशेषज्ञ इसे न केवल चीन, बल्कि उसके पड़ोसी देशों के लिए भी एक गंभीर खतरा मानते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की नमी और गर्मी मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बना रही हैं। साफ-सफाई की कमी और पानी का ठहराव संक्रमण के जोखिम को और बढ़ा रहा है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय यात्रा और जलवायु परिवर्तन भी वायरस के फैलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है, जो एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलती है। ये मच्छर डेंगू और जीका वायरस भी फैलाते हैं। 'चिकनगुनिया' नाम माकोंडे भाषा के एक शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'झुकना', जो मरीजों के जोड़ों में होने वाले तीव्र दर्द को दर्शाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा मौसम में उच्च नमी और गर्मी ने मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल माहौल बना दिया है।
शहरी क्षेत्रों में पानी का ठहराव
खुले गड्ढे और कचरे का जमाव
साफ-सफाई की कमी
अंतरराष्ट्रीय यात्रा और जलवायु परिवर्तन
ये सभी कारक वायरस के तेजी से फैलाव में योगदान दे रहे हैं।
चिकनगुनिया के लक्षण डेंगू से मिलते-जुलते हैं, लेकिन इसमें जोड़ों का दर्द लंबे समय तक रह सकता है। प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:
अचानक तेज बुखार
तेज सिरदर्द
मांसपेशियों और जोड़ों में असहनीय दर्द
त्वचा पर लाल चकत्ते
थकान और कमजोरी
उल्टी या मतली
हालांकि चिकनगुनिया से मृत्यु दर कम है, लेकिन यह बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए घातक हो सकता है। दर्द और थकान कई हफ्तों से लेकर महीनों तक मरीज को परेशान कर सकती है।
चूंकि चिकनगुनिया का कोई विशेष टीका या दवा उपलब्ध नहीं है, इसलिए बचाव ही सबसे प्रभावी उपाय है।
घर और आसपास पानी जमा न होने दें
मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें
पूरी बांह के कपड़े पहनें
सुबह और शाम बाहर जाते समय सावधानी बरतें
बुखार या जोड़ों में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
चीन के स्वास्थ्य विभाग ने मच्छर नियंत्रण के लिए बड़े पैमाने पर फॉगिंग और स्प्रे अभियान शुरू किया है। प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं और लोगों को जागरूक करने के लिए हेल्थ कैंप भी आयोजित किए जा रहे हैं।