Sharda University Student Suicide: शारदा यूनिवर्सिटी ग्रेटर नाेएडा इन दिनों स्टूडेंट सुसाइड को लेकर सुर्खियों में है. बीते 29 दिनों में शारदा यूनिवर्सिटी के दो स्टूडेंट सुसाइड कर चुके हैं, जिसमें पहले मेडिकल की छात्र ज्योति ने सुसाइड किया था तो वहीं बीते रोज बीटेक स्टूडेंट शिवम कुमार डे ने सुसाइड किया है. ऐसा नहीं है कि स्टूडेंट सुसाइड के मामले सिर्फ शारदा यूनिवर्सिटी में सामने आ रहे हैं. पिछले कुछ सालों से देश के हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में स्टूडेंट सुसाइड के मामले बढ़े हैं, जिसको लेकर सुप्रीम कोट भी चिंता जाहिर कर चुका है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
आइए जानते हैं कि एक्सपर्ट स्टूडेंट सुसाइड के पीछे कौन से संभावित कारण मानते हैं? साथ ही जानेंगे कि देश में स्टूडेंट सुसाइड के आंकड़े क्या हैं? इन्हें रोकने के लिए नेशनल टास्क फोर्स की तरफ से क्या प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं.
6 सालों में 98 छात्रों ने की आत्महत्यालोकसभा में सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार देश में कुल होने वाले सुसाइड में स्टूडेंट सुसाइड की दर साल 2022 में 7.6 फीसदी दर्ज की गई है. इसमें पिछले सालों की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है.
वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 से 2023 तक यानी 6 सालों में 98 स्टूडेंट ने सुसाइड किया.साल 2023 तक के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक 39 आईआईटी के स्टूडेंट ने सुसाइड किया. इसके बाद NIT में25 स्टूडेंट ने सुसाइड किया. तो वहीं सेंट्रल यूनिवर्सिटी और IIM में 4-4, IISER में 3, IIIT के दो स्टूडेंट ने सुसाइड किया. इस रिपोर्ट में प्राइवेट यूनिवर्सिटी और काॅलेजों में शामिल स्टूडेंट सुसाइड की घटनाओं को शामिल नहीं किया गया है.
स्टूडेंट सुसाइड के पीछे क्या हैं संभावित कारणदेश के हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में स्टूडेंट सुसाइड को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंता जाहिर कर चुका है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है. फोर्स के चैयरमैन सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस रविद्र भट्ट समेत शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी समेत कई विशिष्ट जन मौजूद हैं. टास्क फोर्स का मानना है कि स्टूडेंट सुसाइड के पीछे संभावित तौर पर शैक्षणिक दबाव, भेदभाव, मानसिक स्वास्थ्य जैसे कारण हैं.
टास्क फोर्स ने लॉन्च की है वेबसाइटस्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए नेशनल टास्क फोर्स ने काम करना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में नेशनल टास्क फोर्स की तरफ से वेबसाइट लॉन्च की गई है. इससे स्टूडेंट के साथ ही अभिभावकों, शिक्षकों से स्टूडेंट सुसाइड रोकने के लिए फीडबैक जुटाया जा रहा है. कुल जमा फोर्स स्टूडेंट सुसाइड के कारणों की पहचान करने, स्टूडेंट वेलफेयर और मेंटल हेल्थ के नियमों का विश्लेषण करने में जुटी हुई है.
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