Next-Gen GST रिफॉर्म्स में कितना बदल जाएगा टैक्स स्ट्रक्चर, खाने-पीने की चीजों से लेकर TV-AC तक जाने क्या होगा महंगा क्या सस्ता ?
Samachar Nama Hindi August 17, 2025 08:42 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कई बड़े ऐलान किए, जिनमें जीएसटी पर बड़ी राहत का संकेत भी शामिल है। 'नेक्स्ट-जेन' जीएसटी का ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दिवाली पर आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। खबर है कि केंद्र सरकार ने मौजूदा 4 टैक्स स्लैब वाली जीएसटी व्यवस्था को 2 टैक्स स्लैब में बदलने का प्रस्ताव दिया है। 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की मौजूदा व्यवस्था की जगह केवल 5 और 18 प्रतिशत टैक्स लगेगा। हालांकि, इसके अलावा चुनिंदा अवगुण वस्तुओं (सिन गुड्स) पर एक उच्च कर ढांचा लागू होगा, जो 40% हो सकता है।

'अवगुण वस्तुओं' में वे वस्तुएं या सेवाएं शामिल हैं, जिनका उपयोग समाज के लिए हानिकारक माना जाता है। जैसे सिगरेट, गुटखा, तंबाकू, ऑनलाइन गेमिंग आदि। सरकारी सूत्रों के अनुसार, केंद्र ने एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर तीन मौजूदा जीएसटी विशिष्ट मंत्रिसमूहों (जीओएम) को भेज दिया है। जीएसटी परिषद द्वारा प्रस्ताव पर विचार करने से पहले, मंत्रिसमूह इसकी समीक्षा करेगा। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो 2017 के बाद जीएसटी दरों में यह सबसे बड़ा बदलाव होगा, जिससे त्योहारी सीजन से पहले बड़ी संख्या में मध्यम वर्ग, किसानों और प्रमुख उद्योगों को व्यापक लाभ मिलेगा।

आम लोगों को मिल सकती है बड़ी राहत
नई जीएसटी व्यवस्था को लेकर कहा जा रहा है कि इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है। सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि खाने-पीने की वस्तुओं, दवाओं, शिक्षा और रोजमर्रा के सामान को शून्य या 5% की श्रेणी में रखने का प्रस्ताव है, ताकि ये किफायती हो सकें। वहीं, कृषि उपकरणों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% करने का प्रस्ताव है।

बीमा प्रीमियम पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% या शून्य करने का भी प्रस्ताव है, जिसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी बीमा सेवाओं पर राहत की सिफारिश की है।सूत्रों के अनुसार, टीवी, एसी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू सामानों पर जीएसटी की दरें मौजूदा 28% से घटाकर 18% की जा सकती हैं। वहीं, ऑनलाइन गेमिंग और कुछ अन्य 'डिमेरिट गुड्स' पर 40% टैक्स लगाया जा सकता है।

12% और 28% स्लैब का क्या होगा?
जैसा कि आपने ऊपर पढ़ा, प्रस्ताव में दो-स्लैब वाली जीएसटी संरचना है। मौजूदा 4-स्तरीय प्रणाली की जगह 5% और 18% की दो-स्लैब दरें आएंगी। ऐसे में सवाल यह है कि 12% और 28% स्लैब का क्या होगा? इन दोनों स्लैब में आने वाली वस्तुओं पर कितना टैक्स लगेगा?बताया जा रहा है कि 12% स्लैब की 99% वस्तुओं को 5% में लाए जाने की उम्मीद है। यानी आम लोगों के लिए यह एक बड़ी राहत हो सकती है। वहीं, 28% स्लैब के बारे में कहा जा रहा है कि इसके अंतर्गत आने वाली 90% वस्तुओं को 18% में लाए जाने की उम्मीद है। केवल विलासिता की वस्तुएँ और डिमेरिट वस्तुएँ ही उच्च कर स्लैब में रहेंगी।

किस वस्तु पर कितना जीएसटी प्रस्तावित है?
आवश्यक वस्तुएँ: खाद्यान्न, दवाइयाँ, शिक्षा और रोज़मर्रा की वस्तुओं पर जीएसटी शून्य या 5% रखा जा सकता है।
घरेलू ज़रूरतें: टीवी, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया जा सकता है।
कृषि उपकरण: स्प्रिंकलर और कृषि मशीनरी पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है।
बीमा सेवाएँ: बीमा सेवाओं पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% या शून्य किया जा सकता है।
स्वास्थ्य सेवा: दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी कम करने का प्रस्ताव है ताकि वे किफ़ायती हो जाएँ।
पेट्रोलियम उत्पाद: फिलहाल, पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी से बाहर रखा जाएगा।
विशेष दरें: हीरे पर 0.25% और सोने-चाँदी पर 3% की विशेष दरों में शायद कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
ऑनलाइन गेमिंग: ऑनलाइन गेमिंग को एक 'अयोग्य' गतिविधि माना जाएगा और इसे 40% जीएसटी स्लैब में रखा जाएगा।

...और क्या प्रस्ताव शामिल हैं?
कपड़ा और उर्वरक क्षेत्र में उलटे शुल्क ढांचे को ठीक करने का प्रस्ताव है। ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स और स्नैक्स जैसे क्षेत्रों में वर्गीकरण संबंधी समस्याओं को हल करने की आवश्यकता है। प्रशासनिक और अनुपालन सुधारों का भी प्रस्ताव है। निर्बाध जीएसटी पंजीकरण के लिए तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम से 95% आवेदनों को 3 दिनों के भीतर स्वीकृत करने का प्रस्ताव है। प्री-फिल्ड जीएसटी रिटर्न प्रणाली के तहत, मैन्युअल त्रुटियों और बेमेल को कम करने के लिए प्री-फिल्ड जीएसटी रिटर्न का प्रस्ताव होगा। निर्यातकों के लिए स्वचालित रिफंड की व्यवस्था का भी प्रस्ताव है।

क्या सरकार के खजाने में कमी आएगी?
वर्तमान जीएसटी राजस्व हिस्सेदारी की बात करें तो, 18% स्लैब के अंतर्गत आने वाली वस्तुएँ सरकारी खजाने में सबसे अधिक राजस्व लाती हैं। सरकार का 65% राजस्व इसी श्रेणी की वस्तुओं से आता है। दूसरी सबसे महंगी वस्तुएँ 28% कर स्लैब हैं, जिनसे 11% राजस्व प्राप्त होता है। 12% कर स्लैब से 5% राजस्व प्राप्त होता है और 5% कर स्लैब से 7% राजस्व प्राप्त होता है। केंद्र को उम्मीद है कि अनुपालन में वृद्धि और कर आधार के विस्तार से किसी भी संभावित राजस्व हानि की भरपाई हो जाएगी।

फिलहाल, एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, जिसकी समीक्षा तीन मंत्रियों का एक समूह (GoM) करेगा। उनकी सिफ़ारिशें GST परिषद को भेजी जाएँगी, जो उन्हें स्वीकार, संशोधित या अस्वीकार कर सकती है। GST परिषद की बैठक सितंबर या अक्टूबर में हो सकती है। यानी दिवाली पर आपको खुशखबरी मिलने की पूरी संभावना है।

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