उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र की शुरूआत मंगलवार को भारी हंगामे के साथ हुई। प्रश्नकाल का पूरा समय कांग्रेस के विरोध और नारेबाजी की भेंट चढ़ गया। विपक्ष ने हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में कथित धांधली और प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर तत्काल चर्चा कराने की मांग उठाई। लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई ठोस आश्वासन न मिलने से कांग्रेस सदस्य आक्रोशित हो गए और सदन में जमकर हंगामा किया।
उत्तराखंड के इन जिलों में भारी बारिश को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, रहें सावधान!सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने नियम 310 के तहत प्रश्नकाल स्थगित कर इन मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराए जाने की मांग की। इस पर विपक्ष के अन्य सदस्यों ने भी समर्थन जताया और नारेबाजी शुरू कर दी। कांग्रेस सदस्य सीधे विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण के आसन के सामने पहुंच गए। अध्यक्ष ने कई बार विपक्ष को समझाने और शांत होने का प्रयास किया, लेकिन वे लगातार नारेबाजी करते रहे।
बढ़ते शोर-शराबे और विपक्ष के हठ को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही तीस मिनट के लिए स्थगित कर दी। लेकिन सदन के स्थगन के बाद भी विपक्षी सदस्य आसन के पास बैठ गए और नारेबाजी जारी रखी। जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो विपक्ष ने अपनी मांग दोहराते हुए और भी जोरदार हंगामा किया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब कांग्रेस सदस्यों ने विधानसभा सचिव की मेज तक पलट दी। इससे सदन का माहौल पूरी तरह गर्म हो गया और कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। साथ ही माइक तोड़ दिया। कांग्रेस विधायकों ने वेल में लहराए कागज।
हंगामे का आलम यह रहा कि पूरे दिन में चार बार सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी। प्रश्नकाल पूरी तरह बेकार चला गया और विधानसभा का माहौल अशांत बना रहा। दूसरी ओर, सदन के भीतर ही नहीं बल्कि बाहर भी कांग्रेस ने मोर्चा खोला। विधानसभा शुरू होने से पहले कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने भी धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने पंचायत चुनावों में कथित गड़बड़ियों और प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर जमकर नारे लगाए और सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।