इजराइल की राजधानी तेल अवीव समेत देश भर के शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. प्रदर्शनकारियों ने गाजा में युद्ध विराम और हमास के साथ बंधकों की रिहाई के लिए समझौते की मांग की. प्रदर्शनकारियों का मानना है कि नेतन्याहू समझौते को लेकर गंभीर नहीं हैं और बंधकों की बलि चढ़ा रहे हैं.
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने सभी 50 बंधकों की वापसी के लिए बातचीत के निर्देश जारी कर दिए हैं, साथ ही उन्होंने गाजा शहर पर कब्जा करने के उद्देश्य से सैन्य हमले की योजना को मंजूरी देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं.
नेतन्याहू पर समझौते के लिए दबावहमास ने गली और जिव बर्मन नाम के 2 इजराइलियों को 7 अक्टूबर 2023 को अगवा कर लिया था. इनके बड़े भाई लिरन बर्मन भी प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा, ‘एक समझौता होने की संभावना है, लेकिन समझौते हमेशा के लिए नहीं चलते. हमास अपने दरवाजे तेजी से बंद कर लेता है, ऐसा हमने पहले भी कई बार देखा है.’
बर्मन ने टाइम्स ऑफ इजराइल को बताया, नेतन्याहू बातचीत की बात करते हैं, लेकिन व्यवहार में, वह इससे इनकार कर रहे हैं. यह लोगों की जान बचाने और शहीदों को वापस लाने का आखिरी मौका हो सकता है.’
युद्ध विराम समझौते की क्या स्थिति हैहमास ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह एक समझौते पर सहमत हो गया है, इसके तहत गाजा में 60 दिन के युद्ध विराम के दौरान 10 जीवित बंधकों और 18 मृत बंधकों के शव इजराइल को सौंपे जाएंगे. इस दौरान इजराइल सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों को भी रिहा करेगा. इजरायल और हमास युद्ध विराम के दौरान बाकी बंधकों की वापसी और युद्ध को खत्म करने के लिए बात करेंगे.
नेतन्याहू ने हाल के हफ्तों में संकेत दिया है कि वह चरणबद्ध, आंशिक समझौते के बजाय सिर्फ व्यापक समझौते का समर्थन करेंगे. नेतन्याहू ने कहा कि कोई भी समझौता तभी स्वीकार किया जाएगा जब उनकी सभी शर्तें पूरी हों. इनमें हमास का हथियार डालना, गाजा पट्टी का डिमिलिटराइजेशन शामिल है.