मुंबई में पान दुकान के जरिए ड्रग्स की तस्करी का मामला सामने आया
Gyanhigyan August 25, 2025 05:42 PM
पान दुकान में छिपा ड्रग्स का कारोबार

मुंबई. आर्थिक राजधानी मुंबई में विक्रोली पुलिस ने एक पान दुकान के मालिक को गिरफ्तार किया है, जो अवैध रूप से ड्रग्स बेच रहा था। पुलिस ने आरोपी के पास से लगभग 1.84 लाख रुपये की मेथाम्फेटामाइन (एमडी) ड्रग्स बरामद की। यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान 48 वर्षीय मनवर जमीरुल्ला अंसारी के रूप में हुई है, जो विक्रोली के टैगोर नगर में पान की दुकान चलाता है। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपनी दुकान से मादक पदार्थ बेच रहा है। सूचना की पुष्टि के बाद, पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।


तलाशी के दौरान, उसके पास से 92 ग्राम एमडी ड्रग्स मिली, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 1.84 लाख रुपये है। विक्रोली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है और अब आगे की जांच कर रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपी को यह मादक पदार्थ कहां से मिल रहा था और वह कितने समय से इस अवैध धंधे में शामिल था। इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि क्या उसका किसी बड़े गिरोह से संबंध था या वह अकेले ही यह कारोबार चला रहा था।


पान की दुकान के पीछे का खतरनाक खेल

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी लंबे समय से अपनी पान दुकान के माध्यम से यह गैरकानूनी गतिविधि कर रहा था, लेकिन अब उसे पकड़ लिया गया है। जांच में यह भी सामने आ सकता है कि वह किन-किन लोगों को ड्रग्स बेचता था। इस कार्रवाई के बाद इलाके में हलचल मच गई है। अधिकारियों ने कहा कि नशे के खिलाफ यह मुहिम आगे भी जारी रहेगी।


ड्रग तस्करी का नया तरीका

कर्नाटक के मैसूर में पकड़ी गई 434 करोड़ रुपये की ड्रग्स फैक्ट्री के मामले में मुंबई की साकीनाका पुलिस ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस मामले में महाराष्ट्र तक ड्रग्स की तस्करी के लिए एक अनोखा और बेहद गुप्त तरीका अपनाया गया था। पुलिस के अनुसार, इस नेटवर्क में शर्ट की फोटो को कोडवर्ड के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। जांच में यह सामने आया कि ड्रग्स की सप्लाई और निर्माण की प्रक्रिया दो अलग-अलग गिरोहों द्वारा की जा रही थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि इन दोनों गैंग के सदस्य एक-दूसरे को जानते तक नहीं थे। यही इस पूरे ऑपरेशन की सबसे खतरनाक और शातिर मॉडस ओपेरेंडी थी। इस तरह की व्यवस्था से नेटवर्क की परतें खोलना बेहद मुश्किल हो जाता है।


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