नेपाल आधिकारिक तौर पर इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) का सदस्य बन गया है. आईबीसीए ने कहा कि नेपाल ने मसौदा समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और इसी के साथ ही वह औपचारिक रूप से इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) में शामिल हो गया है.
आईबीसीए की स्थापना बाघ, तेंदुए और हिम तेंदुए सहित इनकी सात प्रजातियों के संरक्षण में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी.
आईबीसीए ने कहा कि नेपाल में हिम तेंदुए, बाघ और सामान्य तेंदुए पाए जाते हैं और इसके आईबीसीए में शामिल होने से इस प्रजाति के अन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में वैश्विक सहयोग मजबूत होगा. आईबीसीए ने इस कदम के लिए नेपाल सरकार को बधाई दी है. नेपाल में 2022 तक बाघ आबादी लगभग तीन गुना बढ़ाकर 355 हो गई (अब तक की नवीनतम जनगणना के अनुसार), जो 2009 में मात्र 121 थी.
आईबीसीए ने जारी किया बयानआईबीसीए ने शनिवार को ऐलान किया कि नेपाल फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर करके औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस में शामिल हो गया है. अपने भूभाग में हिम तेंदुआ, बाघ और सामान्य तेंदुआ होने के कारण, नेपाल का आईबीसीए में शामिल होना बिग कैट संरक्षण के लिए वैश्विक सहयोग को मजबूत करेगा. आईबीसीए ने साझा पारिस्थितिक सुरक्षा की दिशा में इस महत्वपूर्ण कदम के लिए नेपाल सरकार को बधाई दी है.
भारत ने की थी अलायंस की शुरुआतनेपाल में साल 2009 में बाघों की संख्या 121 थी, जो अब साल 2022 तक तीन गुना बढ़कर 355 हो गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने 9 अप्रैल, 2023 को कर्नाटक के मैसूर में सात बड़ी बिल्लियों, बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, चीता, जगुआर और प्यूमा के वैश्विक संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस (IBCA) की शुरुआत की थी.
भारत के पास बाघों के संरक्षण में एक लंबा अनुभव है और शेर, हिम तेंदुआ और तेंदुए जैसी अन्य बड़ी बिल्लियों के लिए अनुकरणीय संरक्षण मॉडल हैं. अंतरराष्ट्रीय बिग कैट अलायंस के प्लेटफार्म की मदद से बिग कैट रेंज के देश अपने अनुभव साझा कर सकते हैं और बाघों, चीतों आदि के संरक्षण के लिए संसाधन जुटा सकते हैं.