Ganesh Chaturthi 2025: गणेश उत्सव का पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, बुद्धि और समृद्धि का दाता माना जाता है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भक्त पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से बप्पा की पूजा-अर्चना कर उनके स्वागत की तैयारी करते हैं. गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. लेकिन, इस पावन पर्व पर कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए, वरना गणपति बप्पा रूठ सकते हैं और पूजा का शुभ फल भी नहीं मिलता. आइए जानते हैं.
कब है गणेश चतुर्थी 2025?पंचांग के अनुसार, साल 2025 में गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा. इस दिन सुबह से ही भक्त विशेष पूजा-अर्चना कर भगवान गणेश की प्रतिमा घर में स्थापित करेंगे और 10 दिनों तक पूरे विधि-विधान से पूजन करेंगे.
गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न करें ये काम! चंद्रमा के दर्शन न करेंगणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्रमा को देखने से व्यक्ति पर झूठा कलंक लग सकता है. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार चंद्रमा ने भगवान गणेश के गजमुख (हाथी के सिर) का उपहास किया था, जिससे गणेश जी क्रोधित हो गए और उन्हें श्राप दिया. इसलिए इस दिन चंद्रमा के दर्शन से बचना चाहिए. अगर गलती से चंद्रमा दिख जाए, तो ‘श्रीमद्भागवत’ के 10वें स्कंध के 57वें अध्याय में स्यमंतक मणि से जुड़ी कथा का पाठ करने से दोष दूर होता है.
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गणेश जी की खंडित मूर्ति न लाएंगणेश चतुर्थी पर घर में भगवान गणेश की नई प्रतिमा स्थापित की जाती है. ध्यान रखें कि मूर्ति खरीदते समय वह कहीं से भी खंडित न हो. खंडित या टूटी हुई मूर्ति को घर में लाना या उसकी पूजा करना अशुभ माना जाता है. इससे पूजा का फल नहीं मिलता. हमेशा मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा को ही प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि ये पर्यावरण के लिए भी बेहतर होती हैं.
तामसिक भोजन का सेवन न करेंगणेश चतुर्थी के दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए. इस पूरे 10 दिवसीय उत्सव में लहसुन, प्याज, मांसाहार और शराब का सेवन पूरी तरह से वर्जित है. मान्यता है कि तामसिक भोजन से मन अशांत होता है और नकारात्मकता आती है, जो पूजा-पाठ के लिए उचित नहीं है. भगवान गणेश को शुद्ध और सात्विक भोग ही लगाना चाहिए.
तुलसी का प्रयोग न करेंभगवान गणेश की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है. पौराणिक कथा के अनुसार, तुलसी ने भगवान गणेश के विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था और उन्हें श्राप भी दिया था. इससे क्रोधित होकर गणेश जी ने उन्हें श्राप दिया कि उनकी पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं होगा. इसलिए, गणेश पूजा में तुलसी की जगह दूर्वा घास का ही प्रयोग करना चाहिए, जो गणेश जी को बहुत प्रिय है.
मूर्तियों की संख्या का ध्यान रखेंघर में गणेश जी की एक ही मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए. अगर आप दो या उससे ज़्यादा मूर्तियां रखते हैं, तो ध्यान रखें कि वे एक-दूसरे के आमने-सामने न हों. ऐसा माना जाता है कि दो मूर्तियों को आमने-सामने रखने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
काले या नीले रंग के कपड़े न पहनेंगणेश पूजा के दौरान काले और नीले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए. इन रंगों को पूजा-पाठ के लिए अशुभ माना जाता है. इस दिन पीले, लाल या हरे रंग के चमकीले और साफ-सुथरे कपड़े पहनना शुभ होता है. ये रंग सकारात्मकता और उत्साह का प्रतीक होते हैं.
शुभ फल पाने के उपायगणेश चतुर्थी का पर्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि इस दिन गणपति जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. साथ ही जीवन की हर बाधा दूर होती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.