राजस्थान की भजनलाल सरकार ने राज्य में मांसाहार की बिक्री को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्य में दो दिन मांसाहार की दुकानें बंद रहेंगी। धार्मिक संगठनों की मांग पर सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकारी आदेश के अनुसार, राज्य में बूचड़खाने, मांस-मछली की दुकानों के अलावा अंडे की दुकानें भी बंद रहेंगी। यह पहली बार है जब राजस्थान में अंडे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है।
कौन से 2 दिन दुकानें बंद रहेंगी
स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राज्य में दो दिन (28 अगस्त और 6 सितंबर) बूचड़खाने, मांस, मछली और अंडे की दुकानें बंद रहेंगी। आपको बता दें कि जैन धर्म का पर्युषण पर्व और संवत्सरी इस बार 28 अगस्त, गुरुवार को पड़ रहा है। जबकि अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर को पड़ रही है।
06 सितंबर को अनंत चतुर्दशी
ऐसे में, सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जैन धर्म के पर्यूषण पर्व और संवत्सरी (28 अगस्त) के अवसर पर बूचड़खाने और मांस-मछली व अंडे की दुकानें बंद रखना सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, 06 सितंबर यानी अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भी राज्य भर में बूचड़खाने, मांस-मछली व अंडे की दुकानें बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
जयपुर में 1000 से ज़्यादा अंडे के ठेले चलते हैं
स्वायत्त विभाग के इस आदेश का असर अकेले जयपुर में ही एक हज़ार से ज़्यादा अंडे के ठेले और दुकानों पर पड़ेगा। इससे पहले, जून महीने में राज्य में मछलियों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उस समय सरकार ने मछलियों के संरक्षण और प्राकृतिक प्रजनन चक्र को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया था।विशेषज्ञों के अनुसार, 16 जून से अगस्त के अंत तक का समय मछलियों का मुख्य प्रजनन काल होता है, इसलिए इनका संरक्षण बेहद ज़रूरी है। इस निर्णय से जहां प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलन मिलेगा, वहीं स्थानीय मछली व्यापारियों से भी इस दौरान नियमों का पालन करने की अपील की गई है।