इंटरनेट डेस्क। मानसून सत्र के शुरू होने से पहले सीएम भजनलाल ने प्रदेश विधायकों, सांसदों और मंत्रियों के साथ में बैठक की। विधानसभा सत्र से पहले सीएम भजनलाल शर्मा ने साफ कर दिया कि अब समय शिकायतों का नहीं, बल्कि काम का है। बैठक की शुरुआत प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के भाषण से हुई। जिलाध्यक्षों को अपने-अपने जिलों की रिपोर्ट देनी थी। मंच पर बैठे वरिष्ठ नेता चुपचाप सुन रहे थे, लेकिन कई विधायकों को महसूस हुआ कि उनकी शिकायतें अब काम नहीं आने वालीं।
क्या कहा सीएम ने
देखा गया कि सीएम ने पहली बार सख्त आवाज में कहा- मंत्री हो या विधायक, आपस में शिकायतें बंद करो। सत्ता और संगठन को सबकी रिपोर्ट है। इस एक वाक्य ने सन्नाटा भर दिया। सीएम ने साफ शब्दों में कहा कि जनता तक योजनाएं पहुँचाना ही असली जिम्मेदारी है। अगर जमीन आवंटन या घोषणाओं पर अड़चन है, तो खुद कलेक्टर-एसडीएम से मिलो, वरना सीधे सीएमओ का दरवाजा खटखटाओ। उनकी बात सुनकर कई विधायक कुर्सियों पर असहज होकर हिले।
दो चरणों में हुई बैठक
बैठक का दूसरा चरण और भी दिलचस्प था। सामूहिक चर्चा के बाद नेताओं को छोटे-छोटे ग्रुप में बांटा गया। हर ग्रुप को एक सीनियर नेता की जिम्मेदारी मिली। महामंथन का तीसरा हिस्सा पूरी तरह विधानसभा सत्र को समर्पित था। सीएम ने चेतावनी दी सदन में विपक्ष हंगामा करेगा, लेकिन हमें पीछे नहीं हटना। हर मंत्री और विधायक तैयारी के साथ आए।
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