आगरमालवा, 26 अगस्त (Udaipur Kiran) । पर्यावरण संरक्षण
को बढ़ावा देने एवं गणेश उत्सव को प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश के आगरमालवा में
आजीविका स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का निर्माण
गोबर से किया गया है। इन प्रतिमाओं के निर्माण के समय गोबर में तुलसी और अन्य फूलों
के बीज भी मिलाये गये जिससे प्रतिमा के गमले में विसर्जन करने के बाद उस गमले में तुलसी
तथा अन्य पौधे भी उग जाएगें। आगरमालवा जिले के ग्राम लाड़वन के आजीविका समूह की महिलाओं
द्वारा जिला मुख्यालय पर गोबर से निर्मित गणेशजी की मूर्तियों को विक्रय करने हेतु
दुकान भी लगाई गई है। प्रतिमाओं को बनाने के लिये इन महिलाओं को आरसेटी के माध्यम से
ट्रेनिंग भी दी गई है।
आजीविका मिशन से जुड़ी लाडवन ग्राम के जय मातादी स्वसहायता समूह
की रंभाबाई मेघवाल ने (Udaipur Kiran) न्यूज़ एजेन्सी को बताया कि ये प्रतिमाएं पूरी
तरह जैविक तरीके से तैयार की गईहैं।यह पहल
न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए है, बल्कि पारंपरिक पूजा में गोबर के महत्व को भी पुनर्जीवित
करती है। उन्होंने आगे बताया कि इन प्रतिमाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि विसर्जन
सीधे घर के गमले में किया जा सकता है। इसके बाद गमले की मिट्टी जैविक खाद में बदल जाएगी,
जिससे पौधों को पोषण मिलेगा। इस पहल से प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियों से होने
वाले जल प्रदूषण और पर्यावरणीय नुकसान से भी बचाव संभव होगा। समूह की महिलाओं ने इसे
सामाजिक जिम्मेदारी और नवाचार का संगम बताया है और आमजन से अपील की है कि वे इस पर्यावरण-अनुकूल
पहल में सहयोग दें।
(Udaipur Kiran) / रितेश शर्मा