गुजरात कांग्रेस ने BJP पर 'वोट चोरी' का लगाया आरोप, केंद्रीय मंत्री के क्षेत्र में 12.3% फर्जी वोटर मिलने का दावा
Navjivan Hindi August 31, 2025 12:42 PM

गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर राज्य में बड़े पैमाने पर वोट चोरी का आरोप लगाया। चावड़ा ने दावा किया एक विधानसभा क्षेत्र के डेटा की प्राथमिक जांच में 12.3% फर्जी मतदाता पाए गए। उन्होंने कहा कि इस आधार पर पूरे राज्य में 62 लाख से ज्यादा मतदाता फर्जी हो सकते हैं। चावड़ा ने बीजेपी पर संदिग्ध, फर्जी और ‘डुप्लीकेट’ मतदाताओं के जरिये ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए कहा कि 182 सीटों की सभी मतदाता सूचियों की जांच की जाएगी।

गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा ने पत्रकारों से कहा कि पार्टी ने नवसारी लोकसभा सीट अंतर्गत आने वाली चोर्यासी विधानसभा सीट की मतदाता सूची की जांच शुरू की है, जिसका प्रतिनिधित्व गुजरात बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सी. आर. पाटिल करते हैं और जांच में बड़े पैमाने पर "वोट चोरी" का मामला सामने आया है।

अमित चावड़ा ने कहा, ‘‘मतदाता सूचियां लोकतांत्रिक प्रक्रिया की नींव हैं और अगर उसमें गड़बड़ी होती है, तो इसका मतलब है कि लोकतंत्र खतरे में है। हमने पूरे राज्य की मतदाता सूचियों की जांच करने का निर्णय लिया है, जिसकी शुरुआत चोर्यासी विधानसभा क्षेत्र से की गई है। गुजरात में एक ही व्यक्ति कई बार मतदान करता है, जिसकी वजह से पूरा चुनाव परिणाम प्रभावित हो जाता है।’’

चावडा ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने जनता के वोट चुराने की साजिश रचने वालों को बेनकाब करने का फैसला किया है और 2027 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव तक हम राज्य के हर घर तक पहुंचेंगे।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी ने चोर्यासी विधानसभा सीट को इसलिए चुना क्योंकि यह सी. आर. पाटिल की लोकसभा सीट के अंतर्गत आती है, जहां से वह रिकॉर्ड मतों से जीतते रहे हैं।

कांग्रेस नेता चावड़ा के अनुसार, चोर्यासी के लगभग छह लाख मतदाताओं में से, पार्टी ने 40 प्रतिशत यानी लगभग 2.40 लाख मतदाताओं की जांच की और पाया कि उनमें से 30 प्रतिशत से अधिक मतदाता या तो ‘डुप्लीकेट’ थे, फर्जी थे या फिर उनका अस्तित्व ही नहीं था। उनके नाम, उम्र, उपनाम, तस्वीर और मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) ने संदेह पैदा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह उस विधानसभा क्षेत्र से है जो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री की लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, जो लगातार रिकॉर्ड अंतर से चुनाव जीतते रहे हैं। हमने बीजेपी के एक बड़े नेता द्वारा की गई चोरी का पर्दाफाश किया है। और यह 100 प्रतिशत प्रमाण के साथ कहा जा सकता है कि वहां लाखों की चोरी हुई है। इसका मतलब है कि यह व्यवस्था पूरे गुजरात में जारी है।’’ चावड़ा ने दावा किया कि राज्य में लगभग 62 लाख वोट की चोरी हुई है।

उन्होंने कहा कि चोर्यासी सीट पर पांच अलग-अलग तरीकों से वोट चुराए गए हैं। उन्होंने बताया कि मतदाता का नाम, उपनाम और फोटो का दोहराव (डुप्लीकेट) था, फिर वर्तनी में भिन्नता या गलती थी। उन्होंने कहा कि तीसरे तरीके में एक ही मतदाता के अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी कार्ड) हैं और चौथे तरीके में, मतदाता सूची गुजराती के अलावा अन्य भाषाओं में उपलब्ध कराई गई, जबकि पांचवें तरीके में मतदाता सूची में व्यक्ति वही हैं, लेकिन उसके उपनाम में एक-दो अक्षर बदल दिए गए हैं और एक नया मतदाता बना दिया गया है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी के प्रतिनिधि रविवार को अहमदाबाद कलेक्टर से मिलेंगे और मतदाताओं के अधिकारों के लिए लड़ाई शुरू करेंगे, जो 2027 तक जारी रहेगी, जब अगले विधानसभा चुनाव होंगे। चावड़ा ने कहा, "सी आर पाटिल एक जिम्मेदार नेता हैं जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हैं। अगर उनके लोकसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में इतना बड़ा घोटाला हुआ है, तो उन्होंने लोगों का ध्यान इस ओर क्यों नहीं खींचा?’’

उन्होंने कहा कि गुजरात कांग्रेस लोकतंत्र को बचाने और लोगों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात के नागरिकों के वोट और उनके संवैधानिक अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए। हम राज्य के हर घर में जाएंगे, हर मतदाता से मिलेंगे और 2027 तक गुजरात में मतदाता सूची में सभी धोखाधड़ी और वोट चोरों का पर्दाफाश करेंगे और उन्हें सत्ता से बाहर कर देंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने जो डेटा इस्तेमाल किया है वह ऑनलाइन है और निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। हम जो सबूत दे रहे हैं वह वेबसाइट पर उपलब्ध है और अगर यह गलत है, तो इसे ठीक करना उनकी जिम्मेदारी है।’’ उन्होंने कहा कि वोट चोरी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देना भारत के निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है।

चावडा ने कहा कि निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त निकाय है और उसे निष्पक्ष रहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब उस पर (निर्वाचन आयोग पर) आरोप लगाए जाते हैं, तो उसमें गलतियों को स्वीकार करने का साहस नहीं होता और वह बीजेपी सरकार के दबाव में राहुल गांधी से हलफनामा मांग रहा है।’’ बीजेपी ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से 100 गुना ज़्यादा बोला और हंगामा मचाया। अगर जवाब चुनाव आयोग को देना ही है, तो बीजेपी नेता क्यों डर रहे हैं?"

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