LIC की हिस्सेदारी वाले फार्मा स्टॉक में हैवी बाइंग, कंपनी ने नीदरलैंड की कंपनी के साथ की बड़ी साझेदारी
et September 05, 2025 07:42 PM
नई दिल्ली: फार्मा सेक्टर की कंपनी Zydus Lifesciences Ltd के स्टॉक में शुक्रवार को तेज़ी देखने को मिल रही है. स्टॉक में 2 प्रतिशत से भी ज़्यादा की तेज़ी देखने को मिल रही है. इस तेज़ी का कारण यह है कि कंपनी ने बताया है कि उसने नीदरलैंड की सिंथॉन बीवी कंपनी के साथ एक विशेष समझौते पर साइन किए हैं. इस समझौते के तहत, ज़ाइडस अमेरिका में ओज़ानिमोड कैप्सूल (ज़ेपोसिया का एक जेनेरिक वर्जन) बेचेगा, जिसका इस्तेमाल रिलैप्सिंग मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) के इलाज में किया जाता है.



कंपनी की बड़ी साझेदारीज़ाइडस की पूर्ण हिस्सेदारी वाली सहायक कंपनी ज़ाइडस लाइफसाइंसेज ग्लोबल एफजेडई द्वारा साइन किया गया यह समझौता, अमेरिका में कंपनी के जेनेरिक दवाओं के पोर्टफोलियो को बड़ा करने और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.



समझौते के अनुसार, सिंथॉन ओज़ानिमोड कैप्सूल के लिए अमेरिकी रेग्यूलेटर से अनुमति मिलने की जिम्मेदारी को संभालेगा और अनुमति मिलने के बाद दवा को बनाने और सप्लाई का भी ध्यान रखेगा. दूसरी तरफ ज़ाइडस अमेरिका में दवा की बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन के लिए ज़िम्मेदार होगा.



सिंथॉन इस प्रोडक्ट के अनुमति के लिए आवेदन करने वाली पहली कंपनियों में से एक थी और आवेदन करने के 30 महीनों के भीतर ही उसे अमेरिकी एफडीए से अस्थायी अनुमति मिल गई है. इस वजह से, इस प्रोडक्ट को लॉन्च के बाद 180 दिनों की साझा एक्सक्लूसिविटी अवधि मिलेगी, जो इसे हाई वैल्यू वाले बाज़ार में एक बड़ा प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान करती है.



ज़ेपोसिया एक दवा है जिसे स्फिंगोसिन 1-फॉस्फेट रिसेप्टर मॉड्यूलेटर कहा जाता है. इसका इस्तेमाल मल्टीपल स्क्लेरोसिस (एमएस) के दोबारा आने वाले प्रकारों और मध्यम से गंभीर अल्सरेटिव कोलाइटिस (यूसी) के इलाज के लिए किया जाता है. इसका मूल ब्रांड ब्रिस्टल मायर्स स्क्विब द्वारा अपनी इकाई रिसेप्टोस एलएलसी के तहत बेचा जाता है.



ज़ाइडस फ़ार्मास्युटिकल्स (यूएसए) के अध्यक्ष और सीईओ पुनीत पटेल ने कहा कि सिंथॉन के साथ साझेदारी इस महत्वपूर्ण दवा को अमेरिकी बाज़ार में लाने में मदद करेगी. उन्होंने आगे कहा कि यह कंपनी के स्वास्थ्य सेवा में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने और ज़्यादा से ज़्यादा मरीज़ों को ज़रूरी दवाइयाँ उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को दिखाता है.



एलआईसी के पास भी कंपनी की हिस्सेदारीदेश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के पास कंपनी की कुछ हिस्सेदारी है. ट्रेंडलाइन के मुताबिक, जून 2025 तक, कंपनी में एलआईसी के पास 46,519,457 शेयर यानी 4.62 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी.

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