बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही ओपिनियन पोल और सर्वे की बाढ़ आ गई है। जनता का मूड समझने के लिए हाल ही में एक नया सर्वे सामने आया है, जिसमें लोगों से कई अहम सवाल पूछे गए। मुख्यमंत्री के चेहरे से लेकर चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा क्या होगा, इस पर जनता ने खुलकर अपनी राय दी। इस सर्वे ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। आइए, जानते हैं इस सर्वे के नतीजों ने क्या-क्या खुलासे किए।
तेजस्वी और नीतीश में टक्कर, लेकिन मोदी का जलवा बरकरारसर्वे के नतीजों ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए तेजस्वी यादव जनता की पहली पसंद बने हुए हैं। वहीं, मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दूसरे नंबर पर कायम हैं। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। बिहार की जनता में ‘ब्रांड मोदी’ का जादू अभी भी बरकरार है। सर्वे के मुताबिक, लोग स्थानीय मुद्दों के साथ-साथ पीएम मोदी के नाम पर भी वोट देने को तैयार हैं।
कब होंगे बिहार में चुनाव?बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का अभी तक कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक चुनाव आयोग की ओर से शेड्यूल जारी हो सकता है। दूसरी ओर, दिल्ली से पटना तक सियासी बैठकों का दौर तेज हो गया है। दोनों बड़े गठबंधन, एनडीए और महागठबंधन, सीट बंटवारे और प्रचार की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। श्राद्ध पक्ष के खत्म होने के बाद दोनों गठबंधन सीट शेयरिंग का ऐलान कर सकते हैं।
PM मोदी पर जनता का भरोसा क्यों?सर्वे में लोगों से पूछा गया कि वह किस आधार पर वोट डालेंगे। इसके जवाब में 13.7% लोगों ने साफ कहा कि वे पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे को देखकर वोट देंगे। इससे साफ है कि बिहार में भले ही स्थानीय मुद्दे अहम हों, लेकिन मोदी का करिश्मा अब भी कायम है। यही वजह है कि पीएम ने पिछले तीन महीनों में कई बार बिहार का दौरा किया। सितंबर में भी वे पूर्णिया में हवाई अड्डे समेत कई बड़ी परियोजनाओं की सौगात देने पहुंचेंगे। इस दौरान पूर्णिया में उनकी एक मेगा रैली भी होगी, जिसके जरिए वे सीमांचल के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करेंगे।
NDA का दांव, मोदी-नीतीश की जोड़ीसर्वे के नतीजों से यह भी साफ हुआ कि एनडीए अपने प्रचार की कमान खुद पीएम मोदी के हाथों में दे सकता है। सूत्रों की मानें तो बिहार में पीएम कई रैलियां करेंगे। 15 सितंबर को पूर्णिया की रैली में वे सीमांचल के लिए बड़ा संदेश दे सकते हैं। एनडीए के पास नीतीश कुमार का चेहरा और पीएम मोदी की ब्रांड इमेज है, जिसके दम पर वे एक आक्रामक चुनावी अभियान की तैयारी में हैं। इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह भी बिहार पहुंचकर चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। बीजेपी ने अपने कई बड़े नेताओं को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि बिहार में कोई कसर न छूटे।