Low hemoglobin symptoms: हीमोग्लोबिन शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाने वाले वो प्रोटीन होता है जो फेफड़ों से शरीर के बाकी अंगों में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. हीमोग्लोबिन की कमी से कई सारी समस्याएं हो सकती है क्योंकि शरीर के टिश्यू और बाकी अंगों को सही से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है. हीमोग्लोबिन की कमी से एनीमिया भी हो सकता है. जिसमें शरीर में थकान और कमजोरी जैसी जटिल समस्याएं हो जाती है.
हीमोग्लोबिन की कमी जब शरीर में हो जाती है तो शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाता. जिसकी कमी से शरीर में थकान, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण होते हैं. हीमोग्लोबिन का स्तर ग्राम प्रति डेसीलीटर में मापा जाता है. बात करें सामान्य हीमोग्लोबिन के लेवल की तो पुरुषों में 13.8 से 17.2 ग्राम/डीएल होता है. वहीं महिलाओं में 12.1 से 15.1 ग्राम/डीएल और बच्चों में 11 से 16 ग्राम/डीएल मापा जाता है. हीमोग्लोबिन की कमी में ये माप 8 से 5 ग्राम/डीएल तक चला जाता है.
हीमोग्लोबिन कमी होने पर क्या असर
दिल्ली के एम्स में मेडिसिन विभाग में डॉ. नीरज निश्चल बताते हैं किहीमोग्लोबिन कमी होने पर शरीर में कई गंभीर समस्याएं हो जाती हैं. जैसे 8 ग्राम/डीएल से नीचे से नीचे जाने पर शरीर में अधिक कमजोरी, स्किन का पीला पड़ना, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है. वहीं अगर हीमोग्लोबिन कमी 5 ग्राम/डीएल से कम हो जाती है तो तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत पड़ जाती है क्योंकि हीमोग्लोबिन इस स्तर पर कम होने पर दिल की धड़कन रुकने से लेकर जान जाने का भी खतरा हो सकता है.
कम हीमोग्लोबिन के कारण
पोषक तत्वों की कमी- कम हीमोग्लोबिन का सबसे आम कारण आयरन, विटामिन B12 या फोलेट की कमी है. आयरन, हीमोग्लोबिन बनने के लिए सबसे जरूरी है, जबकि विटामिन B12 और फोलेट लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होते हैं.
दीर्घकालिक रोग- गुर्दे की बीमारी, कैंसर, गठिया या दीर्घकालिक संक्रमण जैसी स्थितियां शरीर की पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने की क्षमता को बाधित कर सकती हैं, जिससे हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो सकता है.
खून का बह जाना- सर्जरी, चोट, भारी मासिक धर्म में अधिक खून बह जाने के कारण होने वाली महत्वपूर्ण रक्त हानि हीमोग्लोबिन के स्तर को तेज़ी से कम कर सकती है.
बोन मैरो विकार- ल्यूकेमिया या अप्लास्टिक एनीमिया जैसी बीमारियां बोन मैरो की लाल रक्त कोशिकाओं के बनने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो सकता है.
जेनेटिक कंडीशन्स- सिकल सेल एनीमिया या थैलेसीमिया जैसे जेनेटिक विकार असामान्य हीमोग्लोबिन उत्पादन का कारण बन सकते हैं, जिससे रक्त में कार्यात्मक हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो सकता है.
दवाएं- कुछ दवाएं, जैसे कीमोथेरेपी दवाएं, लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को दबा सकती हैं, जिससे हीमोग्लोबिन कम हो सकता है.
कम हीमोग्लोबिन की रोकथाम