राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा रविवार को जिले भर में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई, लेकिन परीक्षा समाप्त होते ही अभ्यर्थियों को हुई परेशानियों ने प्रशासन और रोडवेज की लापरवाही को उजागर कर दिया। दूसरी पारी की परीक्षा शाम 5 बजे समाप्त हुई। परीक्षा केंद्रों से अभ्यर्थियों के बाहर निकलते ही राजनगर रोडवेज बस स्टैंड पर हजारों की भीड़ जमा हो गई। उम्मीद थी कि रोडवेज प्रशासन पहले से अतिरिक्त बसों की व्यवस्था कर देगा, लेकिन स्थिति इसके उलट रही। दर्जनों युवक-युवतियां घंटों बसों का इंतजार करते रहे। कई खुले आसमान के नीचे बैठे रहे, तो कुछ असमंजस में इधर-उधर भटकते रहे।
पुलिस ने संभाला मोर्चा, समाजसेवियों ने बांटा भोजन
इस बीच, पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अभ्यर्थियों को बस स्टैंड परिसर में बैठाया। बालाजी महाराज सेवा समिति बजरंग चौराहा ने आगे आकर करीब 400 पैकेट भोजन वितरित किया। वहीं, थके हुए अभ्यर्थियों के लिए बस स्टैंड के हॉल में बिस्तर बिछाए गए। इसमें एएसआई मनीष चौधरी और राजेश चौधरी का भी विशेष योगदान रहा।
जिला कलेक्टर का स्पष्टीकरण
जिला कलेक्टर अरुण कुमार हसीजा ने देर रात कहा कि "धीरे-धीरे बसों की व्यवस्था की जा रही है। संबंधित अधिकारियों से बात करके स्थिति को संभालने का प्रयास किया जा रहा है।" हालाँकि, यह स्पष्टीकरण अभ्यर्थियों के गुस्से को शांत नहीं कर सका।
कांस्टेबल भर्ती परीक्षा: सुरक्षा इतनी कड़ी कि जूते-चप्पल तक उतरवा दिए गए
प्रशासन परीक्षा के संचालन को लेकर बेहद सतर्क था। रविवार को राजसमंद शहर के 11 परीक्षा केंद्रों पर दोनों पालियों में परीक्षा आयोजित की गई।
पहली पाली सुबह 10 बजे और दूसरी पाली दोपहर 3 से 5 बजे तक आयोजित की गई।
पहली पाली में 2526 अभ्यर्थी उपस्थित और 1242 अनुपस्थित रहे।
दूसरी पाली में 2307 अभ्यर्थी उपस्थित और 1461 अनुपस्थित रहे।
तलाशी के कड़े नियम
प्रत्येक अभ्यर्थी की बायोमेट्रिक जाँच के बाद ही प्रवेश दिया गया।
दस्तावेजों की गहन जाँच के साथ-साथ मौके पर ही तस्वीरें भी ली गईं।
जूते-चप्पल उतरवाए गए, टी-शर्ट के बटन कैंची से काटे गए, यहाँ तक कि गले के धागे भी उतरवाए गए।
महिला अभ्यर्थियों के गहने भी बाहर उतरवा लिए गए।
पुलिस की तैनाती
परीक्षा में पारदर्शिता और शांति बनाए रखने के लिए 200 से ज़्यादा पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात थे। प्रत्येक केंद्र पर एक सब-इंस्पेक्टर, एक एएसआई और छह कांस्टेबल तैनात थे।
रोडवेज की सबसे बड़ी नाकामी
परीक्षा के चलते जिले के सभी रोडवेज स्टैंडों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई।
कांकरोली बस स्टैंड पर शाम 5 बजे के बाद स्थिति बेकाबू हो गई।
कर्मचारी मुख्य डिपो बंद करके चले गए, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई।
परीक्षार्थियों और अन्य यात्रियों को बसों में चढ़ने-उतरने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
रोडवेज कंट्रोल रूम से भी किसी ने फोन नहीं उठाया।
अभ्यर्थियों ने बताया कि प्रशासन परीक्षा केंद्रों पर तो सख्ती बरत रहा है, लेकिन बस स्टैंड पर उनकी सुरक्षा और सुविधा की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है।