मनोज बाजपेयी ने नेशनल अवार्ड पर अपनी राय साझा की
Stressbuster Hindi September 16, 2025 04:42 AM
मनोज बाजपेयी ने अवार्ड पर अपनी प्रतिक्रिया दी

अगस्त 2025 में आयोजित 71वें नेशनल अवार्ड समारोह में शाहरुख खान को उनकी फिल्म 'जवान' के लिए यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला। इस जीत के बाद उनके प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दी, लेकिन कुछ लोगों को यह निर्णय पसंद नहीं आया। आलोचकों ने जूरी के इस फैसले पर सवाल उठाए, जबकि कई का मानना था कि मनोज बाजपेयी की फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' में उनकी अदाकारी उत्कृष्ट थी और वे इस पुरस्कार के अधिक हकदार थे.


मनोज बाजपेयी का बयान

मनोज बाजपेयी ने अवार्ड को लेकर शाहरुख खान की तुलना पर अपनी चुप्पी तोड़ी। एक मीडिया चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे पर चर्चा करना व्यर्थ है क्योंकि पुरस्कार जा चुका है। उन्होंने बताया कि 'सिर्फ एक बंदा काफी है' उनके लिए विशेष है, जैसे कि 'जोरम' भी। हालांकि, वह इस विषय पर अधिक चर्चा नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि इस पर बहस करना निरर्थक है। उनका मानना है कि जो बातें अतीत में हो चुकी हैं, उन्हें वहीं छोड़ देना चाहिए। मनोज चार बार नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं और उन्होंने पुरस्कारों के बदलते स्वरूप पर चिंता व्यक्त की, यह कहते हुए कि अब पुरस्कार, जिसमें नेशनल अवार्ड भी शामिल है, टैलेंट की बजाय व्यावसायिक अपील पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.


मनोज बाजपेयी का अवार्ड के प्रति दृष्टिकोण

मनोज का कहना है कि यह केवल नेशनल अवार्ड की बात नहीं है, बल्कि सभी पुरस्कारों की है, जिनका पहले सम्मान होता था। उन्हें इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि यह सब कैसे हो रहा है। यह केवल उनकी इज्जत की बात नहीं है। वह अच्छी फिल्मों का चयन करके अपनी इज्जत का ध्यान रखते हैं, लेकिन सभी संस्थाओं को इस पर विचार करना चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि उनके लिए पुरस्कार का अर्थ गलत है। उनके लिए पुरस्कार घर की सजावट का एक हिस्सा है। आप हर दिन पुरस्कार के सामने खड़े होकर यह नहीं कह सकते, 'वाह, मुझे यह मिला।'


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