भगवान बाल्मीकि के सम्मान में उठी आवाज, छुट्टी की मांग तेज
UPUKLive Hindi September 16, 2025 06:42 AM

यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। ठाकुरद्वारा में भगवान बाल्मीकि के प्रकट दिवस को राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग तेज हो गई है। सोमवार को भावाधस संगठन के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को लेकर उपजिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। यह मांग लंबे समय से की जा रही है, और अब इसे लेकर लोगों में उत्साह और जोश देखने को मिल रहा है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन
सोमवार को भावाधस के कार्यकर्ता मुकेश चौधरी के नेतृत्व में एकजुट हुए और उपजिलाधिकारी प्रीती सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित था, जिसमें मांग की गई कि भगवान बाल्मीकि के प्रकट दिवस पर राजकीय अवकाश घोषित किया जाए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह अवकाश समाज की भावनाओं का सम्मान करने के लिए बेहद जरूरी है।

बाल्मीकि जयंती का महत्व
ज्ञापन में बताया गया कि भगवान बाल्मीकि ने महाकाव्य रामायण की रचना की थी। इसके अलावा, उन्होंने लव-कुश को शिक्षा दी और माता सीता की रक्षा की। उनके इस योगदान को सम्मान देने के लिए 1993 में बाल्मीकि जयंती पर राजकीय अवकाश घोषित किया गया था। लेकिन कार्यकर्ताओं का आरोप है कि 2017 में सरकार बदलने के बाद इस अवकाश को खत्म कर दिया गया। भावाधस ने मांग की है कि समाज की भावनाओं को देखते हुए इस अवकाश को तुरंत बहाल किया जाए।

कौन-कौन रहा मौजूद?
ज्ञापन सौंपने वालों में मुकेश चौधरी के साथ-साथ राजेश मंत्री, देवेंद्र नागपाल, किरेंद्र, करन कुमार, सागर, राजकुमार प्रधान, धर्मेंद्र कुमार, मदन पाल, सहदेव, देव सिंह, नरेश कुमार, राजकुमार राजा, आदेश राठौर, गौरव दानव, लक्की चौधरी, निशांत, इंदर रही, राकेश हमराही जैसे कई कार्यकर्ता शामिल थे। इन सभी ने एक स्वर में अपनी मांग को बुलंद किया और सरकार से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद जताई।

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