हर महिला को सुरक्षित व आत्मनिर्भर होना चाहिए : बिरला
Tarunmitra September 16, 2025 05:42 AM

  • ग्रामीण स्तर से ही महिला नेतृत्व को बढ़ावा दिया जाना चाहिए
  • समाज निर्माण की असली शिल्पकार हैं महिलाएं : राज्यपाल

तिरुपति/नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना एक विकसित भारत का निर्माण संभव नहीं है। कुछ जगहों पर स्कूल दूर होने के कारण लड़कियां शिक्षा से वंचित हैं। ऐसे में वह यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि लड़कियां तकनीक की मदद से शिक्षित हों। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने ग्रामीण स्तर से ही महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करने की पैरवी भी की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सोमवार को यहां राष्ट्रीय महिला सशक्तिकरण सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। आज इस राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण सम्मेलन का दूसरा दिन है।

आज के सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल व सेवानिवृत न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर मौजूद रहे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और खेल जगत में आगे लाने के लिए दो दिवसीय विचार-विमर्श किया गया। हर महिला को सुरक्षित और आत्मनिर्भर होना चाहिए। पंचायत स्तर पर एक कंप्यूटर केंद्र सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि महिलाएं दुनियाभर में आईटी और आर्थिक क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। अगर महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी, तो भारत आर्थिक रूप से विकसित होगा। राज्य सरकारों और इन समितियों को गांव की हर महिला को रोजगार उपलब्ध कराने और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। ऐसी योजनाएं होनी चाहिए जिनसे देश की अंतिम महिला को भी परिणाम मिलें।ओम बिरला ने कहा कि पंचायत, नगरपालिका से लेकर संसद तक, सभी को महिलाओं की उन्नति के लिए काम करना चाहिए। ग्रामीण स्तर से महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। सभी राज्यों में महिला समितियां बनाई जानी चाहिए। अगर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं आर्थिक और सामाजिक आत्मनिर्भरता हासिल नहीं करतीं, तो हम विकसित भारत के सपने को साकार नहीं कर सकते।

आंध्र प्रदेश के राज्यपाल व सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर ने कहा कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ़ महिलाओं के लिए नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज को विकास के पथ पर ले जाता है। उन्होंने कहा कि सती प्रथा और बाल विवाह का उल्लेख पुराणों में नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि हमारे वेद और उपनिषद हमें महिलाओं का सम्मान करने की शिक्षा देते हैं।

उन्होंने कहा कि चाहे कितने भी बड़े कार्यक्रम क्यों न चलाए जाएँ, जहां उनका सम्मान नहीं किया जाता, उनका कोई परिणाम नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा कि पारिवारिक सुख घर की महिलाओं की खुशी पर निर्भर करता है। यही बात राज्य और देश पर भी लागू होती है। महिलाएं अक्सर अपने पिता, भाई और पति पर निर्भर रहती हैं क्योंकि उन्हें संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलता।

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