एम्बुलेंस को रास्ता न देने के मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए ट्रैफिक पुलिस ने पांच वाहनों का 10-10 हजार रुपये का चालान काटा है। एम्बुलेंस को रास्ता न देने पर इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार हुई है। साथ ही, चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने की आरटीओ से संस्तुति की गई है। एलएलआर अस्पताल से रावतपुर तक यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए यह कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही, पिछले सप्ताह यातायात व्यवस्था में बाधा बन रहे करीब 250 वाहनों पर 2-2 हजार रुपये का चालान भी किया गया है।
31 अगस्त को मेडिकल कॉलेज पुल और एलएलआर के पास जाम में फंसकर एक बुजुर्ग और एक युवक की मौत हो गई थी। इसके बाद डीसीपी ट्रैफिक रवींद्र कुमार ने मोतीझील से रावतपुर गुटैया के बीच एलएलआर अस्पताल, मेडिकल कॉलेज पुल, कार्डियोलॉजी, रावतपुर गुटैया, रेवमोती और मॉडल रोड का निरीक्षण किया।
गुटिया में वन-वे पूरा करने के साथ ही एलएलआर अस्पताल से वाहन स्टैंड हटाकर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। जिससे यातायात प्रबंधन में काफी सुधार हुआ है। रावतपुर जीटी रोड से मोतीझील तक जेके कैंसर, मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल, कार्डियोलॉजी, आईडीएच, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और एलएलआर अस्पताल हैं।
ऑटो और टेंपो की अफरा-तफरी के चलते अक्सर यहां एंबुलेंस फंस जाती हैं। जिसमें कई वाहन चालक जानबूझकर एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते। इसे देखते हुए डीसीपी ट्रैफिक रवींद्र कुमार के निर्देश पर शनिवार को टीएसआई ने रावतपुर गुटिया और चौराहे के आसपास पांच वाहनों का चालान किया और जाम में फंसी एंबुलेंस को जानबूझकर रास्ता न देने पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही आरटीओ से इन वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति की गई है।
फोटो में साफ देखा जा सकता है कि कार और ऑटो चालक जानबूझकर एंबुलेंस को रास्ता नहीं दे रहे हैं। एलएलआर अस्पताल और कार्डियोलॉजी जाते समय गुटिया और रावतपुर चौराहे के पास अक्सर एंबुलेंस जाम में फंस जाती हैं। सड़क पर वाहन पार्क करके यातायात में बाधा डालने के लिए 250 वाहन चालकों को 2,000 रुपये का चालान भी जारी किया गया है।