Vishwakarma Puja 2025 date: हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का शिल्पकार और देवताओं के दिव्य भवनों, रथों और अस्त्र-शस्त्रों का निर्माता माना जाता है. हर साल भाद्रपद माह के अंत में सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश करने पर विश्वकर्मा जयंती एवं पूजा का आयोजन होता है. कर्मचारियों, कारीगरों और उद्योगपतियों के लिए यह दिन बेहद खास होता है. इस दिन फैक्ट्रियों, कार्यशालाओं, मशीनों और औजारों की पूजा करने की परंपरा है. ताकि उनके काम में समृद्धि और बरकत बनी रहे.
विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त?पंचांग के अनुसार, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 8:15 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक है. इस दौरान पूजा करना बहुत फलदायी होगा.
ऐसे करें पूजा, मिलेगा विशेष फल!विश्वकर्मा पूजा के लिए सही विधि का पालन करना बहुत ज़रूरी है ताकि आपको इसका पूरा लाभ मिल सके.
सफाई और तैयारी: सबसे पहले, अपने औजारों, मशीनों और कार्यस्थल की अच्छी तरह से सफाई करें. उन्हें गंगाजल से पवित्र करें.
चौकी स्थापित करें: एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं. उस पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
कलश स्थापना: भगवान गणेश का आह्वान करते हुए एक कलश स्थापित करें. कलश में जल भरकर उसमें सुपारी, सिक्का और फूल डालें.
पूजन सामग्री: पूजा की थाली में रोली, अक्षत, फूल, मिठाई, फल और धूप-दीप रखें.
पूजा विधि: भगवान विश्वकर्मा की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं. इसके बाद अपने औजारों और मशीनों पर रोली-अक्षत लगाएं और उनकी भी पूजा करें.
मंत्र जाप: पूजा के दौरान “ॐ विश्वकर्मणे नमः” मंत्र का जाप करें.
यह पूजा न केवल आपके काम में आने वाली बाधाओं को दूर करती है, बल्कि आपके व्यवसाय में तरक्की के द्वार भी खोलती है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से धन-धान्य की कमी नहीं होती और सभी काम सफल होते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.