हाई कोर्ट ने इंदौर एयरपोर्ट रोड हादसे पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की
Samachar Nama Hindi September 17, 2025 05:42 PM

। इंदौर एयरपोर्ट रोड पर हुए भीषण सड़क हादसे के मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की युगलपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी है। युगलपीठ में मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ शामिल हैं। मंगलवार को प्रारंभिक सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इंदौर पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वे 23 सितंबर को वर्चुअल माध्यम से हाजिर होकर स्पष्ट करें कि हादसा कैसे हुआ।

सुनवाई में कोर्ट के निर्देश

कोर्ट ने पुलिस आयुक्त से पूछा कि शहर में नो-एंट्री क्षेत्र होते हुए ट्रक कैसे प्रवेश कर गया और बिना किसी रोक-टोक के इतना आगे तक कैसे पहुंच गया। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या नियमों का पालन नहीं किया गया या अन्य सुरक्षा प्रोटोकॉल में कोई चूक हुई।

स्वत: संज्ञान की पहल

कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेने का निर्णय इस गंभीर सड़क दुर्घटना की भयावहता और जनता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है। अदालत ने मामले की शीघ्र सुनवाई और जिम्मेदारों की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया है।

प्रशासन और पुलिस की भूमिका

पुलिस प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि वे दुर्घटना की पूरी जांच कर स्पष्ट रिपोर्ट अदालत को प्रस्तुत करें। इसमें यह बताना होगा कि नो-एंट्री मार्ग पर सुरक्षा चेकिंग किस प्रकार की जा रही थी और किन कारणों से ट्रक बिना रोक-टोक के आगे बढ़ गया।

नागरिक सुरक्षा और सड़क सुरक्षा पर असर

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला सड़क सुरक्षा और शहर में ट्रैफिक नियमों के पालन की गंभीरता को उजागर करता है। नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए आवश्यक है कि ऐसे नो-एंट्री क्षेत्र और सुरक्षा उपाय प्रभावी रूप से लागू हों।

आगे की प्रक्रिया

कोर्ट ने 23 सितंबर को वर्चुअल हाजिरी के दौरान पुलिस आयुक्त से स्पष्ट जानकारी मांगी है। इसके बाद अदालत आगे की कार्रवाई तय करेगी। इस दौरान आवश्यक साक्ष्यों और प्रशासनिक रिपोर्टों की समीक्षा भी की जाएगी।

सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण

सड़क हादसों में अक्सर सुरक्षा मानकों की अनदेखी या चूक होती है। हाई कोर्ट की इस पहल से प्रशासन और नागरिक दोनों ही सतर्क होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि न्यायालय की सक्रियता से भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की संभावना कम हो सकती है और जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जा सकता है।

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