हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर इस बार बेहद भयंकर रहा है। भारी बारिश और भूस्खलन ने जीवन के कई घरों को तबाह कर दिया है। मंडी जिले की हाड़ाबोई पंचायत के बरागता गांव में रहने वाले खूब राम के लिए यह प्राकृतिक आपदा किसी मार्मिक त्रासदी से कम नहीं रही। उनकी इकलौती बेटी के साथ-साथ नाती और भाभी की मौत हो गई, जबकि खुद और उनकी पत्नी दर्शना देवी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और अस्पताल में भर्ती हैं।
घटना के विवरण के अनुसार, आठ महीने का बेटा भीष्म अपनी माँ कमला के साथ मायके आया था। कमला के घर मिलने के लिए उनकी ताई तांगु देवी भी आई हुई थीं। तांगु देवी का घर खूब राम के घर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। शाम को सभी ने खाने के बाद घर के अलग-अलग कमरों में विश्राम किया। कमला अपने बेटे भीष्म और ताई तांगु देवी के साथ एक कमरे में सो गई, जबकि खूब राम और उनकी पत्नी दर्शना देवी दूसरे कमरे में सोए हुए थे।
भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से अचानक आए प्राकृतिक आपदा ने इस परिवार को हाशिये पर ला दिया। भूस्खलन की चपेट में आने के कारण कमला, उनका बेटा भीष्म और तांगु देवी बच नहीं पाए। यह घटना स्थानीय लोगों और प्रशासन के लिए भी एक गंभीर चेतावनी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून के दौरान सुरक्षा और सतर्कता पर विशेष ध्यान दिया जाए।
स्थानीय प्रशासन ने घटना की पुष्टि की है और राहत एवं बचाव कार्य में जुट गया है। घायल व्यक्ति खूब राम और उनकी पत्नी दर्शना देवी को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार जारी है। प्रशासन ने प्रभावित परिवार को तत्काल सहायता प्रदान करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी और संवेदनशील क्षेत्रों में मानसून के दौरान भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन, ग्रामीणों और पर्यावरण विशेषज्ञों को मिलकर सतर्कता और बचाव योजनाओं पर ध्यान देना आवश्यक है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बरागता गांव और आसपास के इलाके में बारिश का असर लगातार बढ़ रहा है और कई घरों को खतरा मंडरा रहा है। इसी वजह से प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की सलाह दी है। हालांकि इस भयानक घटना ने साबित कर दिया है कि प्राकृतिक आपदा की क्रूरता को रोक पाना लगभग असंभव है।
खूब राम और उनके परिवार की यह त्रासदी केवल व्यक्तिगत हानि नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। यह घटना मानसून के दौरान सुरक्षा उपायों और जागरूकता की अनिवार्यता को रेखांकित करती है। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत सामग्री, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षित आश्रय सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की विनाशकारी लहरों ने इस बार जीवन और संपत्ति दोनों को भारी नुकसान पहुँचाया है। बरागता गांव की इस दुखद घटना ने लोगों को याद दिलाया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा के प्रति सतर्क रहना और सुरक्षा उपाय अपनाना कितना महत्वपूर्ण है।