Salman-Aishwarya Breakup: सलमान खान और ऐश्वर्या राय के प्यार के किस्से आए दिन सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं. भले ही कई साल पहले दोनों के रास्ते अलग हो चुके हैं, लेकिन इस जोड़ी के फैन्स इनके प्यार के बारे में जानना बेहद पसंद करते हैं. कहा जाता है कि सलमान और ऐश्वर्या के ब्रेकअप का अंत अच्छा नहीं था. दोनों के बीच बात काफी हद तक बिगड़ चुकी थी. इतना ही नहीं जब ऐश्वर्या और सलमान का ब्रेकअप हुआ, तो एक्ट्रेस को एक बात का काफी डर सताने लगा था. उन्हें अपने करियर की चिंता होने लगी थी.
फिल्ममेकर प्रहलाद कक्कड़ ने साल 2002 में हुए ऐश्वर्या राय और सलमान खान के ब्रेकअप के बारे में खुलकर बात की है, जिसमें उन्होंने बताया कि ऐश को फिल्मी इंडस्ट्री द्वारा त्याग दिए जाने का काफी दुख हुआ था. डायरेक्टर ने दावा किया कि उस ब्रेकअप का असर ऐश्वर्या पर और खासकर उनके प्रोफेशनल करियर पर काफी पड़ा था और इसे उन्होंने खुद अपनी आंखों से देखा था.
सलमान के लिए छोड़ा ऐश्वर्या का साथउन्होंने याद करते हुए कहा, “मैं बस उनका साथ दे रहा था. मैंने उनसे कहा था कि इसकी चिंता मत करो. उन्होंने कहा थी कि लेकिन इंडस्ट्री…” डायरेक्टर ने आगे कहा कि उन्हें सबसे ज़्यादा दुख इस बात का था कि इंडस्ट्री ने सलमान के लिए उन्हें छोड़ दिया. उन्हें सचमुच ऐसा लगा, उनके साथ बहुत धोखा हुआ. हालांकि सही में ब्रेकअप के बाद उन्हें बहुत राहत मिली.” उन्होंने बताया कि इस रिश्ते के चलते उनकी पर्सनल लाइफ पर भी काफी असर पड़ा.
प्रहलाद कक्कड़ ने आगे कहा कि सलमान खान उनके साथ काफी फिजिकल और जुनूनी रहे हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या ऐश्वर्या ने खुद भी ऐसा कहा था, तो उन्होंने बताया, “नहीं, मुझे पता था क्योंकि मैं उसी बिल्डिंग में रहता था. वह फोयर में तमाशा करते थे, दीवार पर अपना सिर पटकते थे. रिश्ता ऑफिशियली तौर पर खत्म होने से बहुत पहले ही खत्म हो गया था. यह सबके लिए राहत की बात थी, ऐश्वर्या के माता-पिता के लिए, ऐश्वर्या के लिए, पूरी दुनिया के लिए.”
ब्रेकअप से नहीं, इंडस्ट्री के पक्षपात से थीं परेशानफिल्ममेकर के मुताबिक, ऐश्वर्या का दर्द ब्रेकअप का नहीं, बल्कि इंडस्ट्री के पक्षपात का था. उन्होंने अपनी बात को पूरा करते हुए कहा, “वह ब्रेकअप से परेशान नहीं थीं. उन्हें इस बात का दुख था कि सब सलमान का पक्ष ले रहे थे, उनका नहीं. सच उनके पक्ष में था. उन्हें अब इंडस्ट्री पर भरोसा नहीं रहा था. मैं समझ सब सही समझता अगर वह गलत होतीं या दूसरा पक्ष सही, या दोनों पक्षों के साथ एक जैसा बर्ताव होता. लेकिन ऐसा कुछ नहीं था, यह पूरी तरह से एकतरफा था.”