गरुड़ पुराण को हिन्दू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक माना जाता है। यह केवल मृत्यु के रहस्यों का वर्णन नहीं करता, बल्कि जीवन को सही दिशा देने वाले उपदेश और नीतियों का भी उल्लेख करता है। भगवान विष्णु द्वारा दिए गए इन सिद्धांतों का पालन करने से व्यक्ति कई समस्याओं से मुक्त होकर सुखद और संतुलित जीवन जी सकता है। गरुड़ पुराण में तीन ऐसी आदतों का उल्लेख किया गया है, जो घर में कलह और क्लेश का कारण बनती हैं। इसके अलावा, जो लोग इन आदतों का पालन करते हैं, उनके घरों में मां लक्ष्मी का प्रवेश नहीं होता। आइए जानते हैं इन तीन आदतों के बारे में।
गरुड़ पुराण में धर्म और दैनिक जीवन से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि कुछ आदतें यदि समय पर नहीं सुधारी गईं, तो घर में अशांति और कलह का माहौल बन सकता है। ऐसी स्थिति में अलक्ष्मी का वास हो जाता है, जिन्हें दरिद्रता और अभाव की देवी माना जाता है। इसलिए, घर की सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए गलत आदतों को समय रहते छोड़ना आवश्यक है।
कई लोग पुराने और बेकार सामान को घर में सहेजकर रखते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, यह आदत दरिद्रता को आकर्षित करती है। जहां कबाड़ जमा होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा तेजी से फैलती है, जिससे घर के सदस्यों में विवाद और अशांति बढ़ती है। इसलिए, अनावश्यक वस्तुओं को तुरंत घर से बाहर निकालना चाहिए।
रसोई को घर का सबसे पवित्र स्थान माना जाता है, क्योंकि यहां मां अन्नपूर्णा का वास होता है। लेकिन कई लोग रसोई को गंदा छोड़ देते हैं, खासकर रात में जूठे बर्तन सिंक में डालकर सो जाते हैं। यह आदत परिवार में झगड़े और क्लेश का कारण बनती है। गरुड़ पुराण के अनुसार, रात को सोने से पहले बर्तन धोकर और रसोई को साफ करके ही विश्राम करना चाहिए।
जिस घर में स्वच्छता होती है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। वहीं, गंदगी और अव्यवस्था वाले घरों में अलक्ष्मी का निवास होता है। गंदगी न केवल निर्धनता लाती है, बल्कि घर के वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ाती है। यही कारण है कि गरुड़ पुराण में प्रतिदिन घर की साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया गया है।