मालेगांव बम धमाका: जमीयत लेगी नामी क्रिमिनल वकीलों की मदद, मौलाना मदनी ने किया ऐलान, बॉम्बे HC में होगी सुनवाई
TV9 Bharatvarsh September 19, 2025 12:42 PM

महाराष्ट्र के मालेगांव बम धमाका-2008 मामले में पीड़ितों की अर्जी पर सुनवाई के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट तैयार हो गया है. कोर्ट के सुनवाई के लिए तैयार होने पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का रिएक्शन सामने आया है. मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत पूरी गंभीरता के साथ इस मुकदमे की पैरवी करेगी और पीड़ितों को इंसाफ दिलाया जाएगा.

मौलाना अरशद मदनी ने गुरुवार को जारी बयान में बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव-2008 बम धमाका पीड़ितों की ओर से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल पिटीशन को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है. कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों और एनआईए (NIA) को नोटिस जारी किया है.

मौलाना मदनी ने क्या कहा?

मौलाना अरशद मदनी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से इंसाफ के लिए देश के नामी क्रिमिनल अधिवक्ता मालेगांव 2008 बम धमाका मुकदमे की पैरवी करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़ितों की अर्जी पर सुनवाई स्वीकार करते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सभी आरोपियों और NIA को नोटिस जारी किया है. अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी.

मौलाना मदनी ने कहा, विशेष NIA अदालत ने जुलाई 2025 में सबूतों की कमी के आधार पर सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. अब बम धमाका पीड़ित जमीयत उलमा-ए-हिंद की कानूनी मदद से एक बार फिर हाईकोर्ट में इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं.

उन्होंने कहा कि बम धमाका पीड़ितों ने जमीयत पर पूरा भरोसा जताया और उनकी ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की अनुमति दी, जिसके बाद हमारे अधिवक्ताओं ने अर्जी दाखिल की जिस पर सुनवाई हुई. उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में इस अहम मामले की सुनवाई के दौरान देश के नामी क्रिमिनल अधिवक्ताओं की सेवाएं ली जाएंगी और हाईकोर्ट में पूरी गंभीरता से मुकदमे की पैरवी की जाएगी.

जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से इंसाफ के लिए देश के नामी क्रिमिनल अधिवक्ता मालेगाँव 2008 बम धमाका मुकदमे की पैरवी करेंगे।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़ितों की अर्जी पर सुनवाई स्वीकार करते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सभी आरोपियों व NIA को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई

— Arshad Madani (@ArshadMadani007)

बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को 2008 मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी किए गए सात लोगों को नोटिस जारी किया है. यह कदम पीड़ित परिवारों की अपील पर उठाया गया है. चीफ जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस गौतम अंखड की बेंच ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और महाराष्ट्र सरकार को भी नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद तय की गई है.

क्या है पूरा मामला?

यह धमाका 29 सितंबर, 2008 को नवरात्रि और रमज़ान के दौरान ईद से दो दिन पहले मालेगांव में हुआ था. इसमें 6 लोगों की मौत और 101 लोग घायल हुए थे. मालेगांव मुंबई से करीब 300 किलोमीटर दूर है.

पीड़ितों के परिवारों — निसार अहमद हाजी सैयद बिलाल, शेख लियाकत मोहिउद्दीन, शेख इसहाक शेख यूसुफ, उस्मान खान अइनुल्लाह खान, मुश्ताक शाह हारून शाह और शेख इब्राहिम शेख — ने जमीयत उलेमा महाराष्ट्र (अर्शद मदनी) लीगल एड कमेटी के जरिए अपील दायर की है.

आरोपियों को किया गया था बरी

दरअसल, 31 जुलाई को NIA कोर्ट के विशेष जज अभय लाहोटी ने सबूतों की कमी बताते हुए सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया था. इनमें शामिल हैं: पूर्व बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर उर्फ स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी,पूर्व सैन्य गुप्तचर अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित (रिटायर्ड), सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ दयानंद पांडे उर्फ स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ (खुदभूषित शंकराचार्य), मेजर रमेश उपाध्याय (रिटायर्ड), समीर कुलकर्णी उर्फ चाणक्य समीर, अजय उर्फ राजा रहिर्कर, सुधाकर ओंकारनाथ चतुर्वेदी उर्फ चाणक्य सुधाकर इस सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवारों की ओर से एडवोकेट मतीन शेख और एडवोकेट शाहिद नदीम ने पैरवी की.

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