अमेरिका द्वारा टैरिफ में कमी की उम्मीद
हाल के महीनों में भारत और अमेरिका के संबंधों में सुधार देखने को मिला है। व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने के साथ, भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने टैरिफ विवाद के समाधान की संभावना जताई है।
गुरुवार को नागेश्वरन ने कहा कि अगले दो महीनों में भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद सुलझ सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका द्वारा लगाए गए दंडात्मक टैरिफ को वापस लेने की संभावना है। बातचीत के दौरान, पारस्परिक टैरिफ को 25 प्रतिशत से घटाकर लगभग 15 प्रतिशत करने पर चर्चा चल रही है, जिससे निर्यातकों में उम्मीद जगी है।
अमेरिका ने 7 अगस्त को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था, जिसे 27 अगस्त को फिर से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। इस भारी टैरिफ के कारण भारतीय निर्यातकों में निराशा फैल गई और उन्होंने अमेरिकी बाजार से दूरी बना ली। परिणामस्वरूप, जून से अगस्त तक भारत का अमेरिका को निर्यात लगातार गिरा।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शुल्क वृद्धि के निर्णय के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था, लेकिन हाल में सकारात्मक संकेत मिलने के बाद व्यापार समझौते पर चर्चा फिर से शुरू हुई है।
डोनाल्ड ट्रंप के निर्णयों ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचाई है। हाल ही में अमेरिका ने ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास की अनुमति देने वाली 2018 की छूट को वापस ले लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को आर्थिक रूप से प्रभावित कर सकता है।
29 सितंबर से, अमेरिकी ट्रेजरी चाबहार बंदरगाह का संचालन करने वाले व्यक्तियों पर प्रतिबंध लागू करेगी। यदि कोई व्यक्ति या कंपनी इस बंदरगाह का संचालन करती है, तो उस पर अमेरिका में प्रतिबंध लग जाएगा। यह भारत के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, क्योंकि उसने चाबहार बंदरगाह के विकास में अरबों रुपये का निवेश किया है।