हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में पिछले कई दिनों से लगातार भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राजधानी शिमला के हिमलैंड इलाके में सर्कुलर रोड पर फिर से भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों में डर और हड़कंप मच गया।
जानकारी के अनुसार, सेंट एडवर्ड स्कूल (हिमलैंड) के पास यह भूस्खलन आधी रात 2:00 बजे हुआ। भूस्खलन की तेज़ गति और मिट्टी के बड़े हिस्से के बहाव से सड़क पूरी तरह ठप हो गई है। इसके चलते यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है और प्रशासन ने इमरजेंसी सेवाओं को मौके पर तैनात कर दिया है।
भूस्खलन के कारण एक निकटवर्ती भवन को भी खतरा पैदा हो गया था। सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने भवन को तुरंत खाली करवाया, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचाव सुनिश्चित हो सके। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश और ढलानों पर पानी का बहाव भूस्खलन की मुख्य वजह बन रहा है।
शिमला नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुँचकर भूस्खलन की स्थिति का आकलन किया। अधिकारियों ने कहा कि सर्कुलर रोड पर मलबा हटाने और सड़क खोलने का काम प्राथमिकता पर किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से सुरक्षा नियमों का पालन करने और भूस्खलन क्षेत्र के पास न जाने की अपील की।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में अगले 24 से 48 घंटों तक भारी बारिश की संभावना है। इस कारण भूस्खलन और जलभराव की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने आपातकालीन सतर्कता बरती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि शिमला जैसे पर्वतीय इलाकों में लगातार बारिश और कमजोर ढलानों के कारण भूस्खलन की घटनाएँ आम हो गई हैं। ऐसे में सड़क सुरक्षा, भवन संरचना और जल निकासी व्यवस्थाओं की समीक्षा अत्यंत जरूरी है।
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से अपील की है कि सर्कुलर रोड और हिमलैंड इलाके के ढलानों पर स्थायी सुरक्षा उपाय किए जाएँ ताकि भविष्य में इस तरह की आपदाओं से बचा जा सके।
कुल मिलाकर, शिमला के हिमलैंड इलाके में भारी बारिश से हुए भूस्खलन ने एक बार फिर प्रशासन और नागरिकों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। सर्कुलर रोड पर यातायात बाधित होने और भवनों को खाली करवाने जैसी कार्रवाइयों के बावजूद अधिकारियों ने कहा है कि सुरक्षा और राहत कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है।