झालाना बाईपास पर लोगों को जाम से राहत मिलने की उम्मीद है। जेडीए अरण्य भवन चौराहे से जगतपुरा रोड ओवरब्रिज तक चार लेन का एलिवेटेड रोड बनाएगा। 4.4 किलोमीटर लंबे इस एलिवेटेड रोड पर तीन रैंप बनाए जाएंगे, जिससे वाहन आसानी से उतर सकेंगे। जेडीए का लक्ष्य इस एलिवेटेड रोड को ढाई साल में पूरा करना है। अगले चार महीनों में काम शुरू होने की उम्मीद है। गुरुवार को लोक निर्माण समिति (पीडब्ल्यूसी) की बैठक में ₹560.26 करोड़ की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गईं।
ऐसे होगा काम:
जेएलएन मार्ग से महात्मा गांधी मार्ग होते हुए अरण्य भवन आने वाले वाहन सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस (अरण्य भवन से ठीक पहले) से दो लेन के एलिवेटेड रोड पर जा सकेंगे। ट्रांसपोर्ट नगर से आने वाले वाहनों के लिए एलिवेटेड रोड पर जाने के लिए एक रैंप का निर्माण किया जाएगा। एलिवेटेड रोड आरआईसी क्रॉसिंग से होते हुए बालाजी चौराहे को पार करेगा, एपेक्स सर्कल से गुज़रेगा और वहाँ से लगभग 200 मीटर नीचे उतरेगा।
एलिवेटेड रोड जगतपुरा आरओबी से लगभग 250 मीटर की दूरी पर शुरू होगा। जवाहर सर्कल से आने वाले ट्रैफ़िक को एलिवेटेड रोड पर लाने के लिए बालाजी चौराहे पर एक रैंप बनाया जाएगा। एक रैंप एपेक्स सर्कल होते हुए आरआईसी क्रॉसिंग पर ओटीएस की ओर उतरेगा। एलिवेटेड रोड लगभग 100 मीटर आगे अरण्य भवन को पार करते हुए नीचे उतरेगा।
विशेषताएँ
रैंप: 5.5 मीटर से 7.5 मीटर चौड़े होंगे।
एलिवेटेड रोड चार लेन का होगा; कैरिजवे 15 मीटर चौड़ा होगा।
यह होगी समस्या: मुख्य सीवर लाइन और एक बड़ी पेयजल लाइन झालाना बाईपास पर स्थित है। काम शुरू होने से पहले इन्हें स्थानांतरित करना जेडीए और संबंधित विभागों के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
यातायात का दबाव बढ़ रहा है
अरण्य भवन चौराहा, आरआईसी चौराहा, एपेक्स सर्कल और बालाजी चौराहे पर व्यस्त समय के दौरान भारी यातायात जाम रहता है। जेडीए द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि इन चौराहों पर 10,000 यात्री कारों का यातायात भार है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जा रहा है।