सेबी की क्लीन चिट के बाद एशिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी ने गुरुवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की धोखाधड़ी वाली और गलत इरादे से लायी गई रिपोर्ट का इस्तेमाल कर झूठी खबरें फैलाने वालों को देश से माफी मांगनी चाहिए. अडानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ग्रुप हमेशा से कहता रहा है कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे.
सेबी की क्लीन चिट ने उस बात की पुष्टि की है. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी अगुवाई वाले ग्रुप को क्लीन चिट दे दी. सेबी ने कहा कि उसे हिंडनबर्ग के आरोपों में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला कि समूह ने अपनी सूचीबद्ध कंपनियों में पैसा भेजने के लिए संबंधित पक्षों का उपयोग किया हो.
अडानी ने एक्स पर किया पोस्टAfter an exhaustive investigation, SEBI has reaffirmed what we have always maintained, that the Hindenburg claims were baseless. Transparency and integrity have always defined the Adani Group.
We deeply feel the pain of the investors who lost money because of this fraudulent pic.twitter.com/8YKeEYmmp5
— Gautam Adani (@gautam_adani)
अडानी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि एक विस्तृत जांच के बाद, सेबी ने उस बात की पुष्टि की है जो हम हमेशा से कहते आए हैं कि हिंडनबर्ग के दावे निराधार थे. पारदर्शिता और ईमानदारी हमेशा से अडानी ग्रुप की पहचान रही है. अडानी ने कहा कि हम उन निवेशकों का दर्द गहराई से महसूस करते हैं जिन्होंने इस धोखाधड़ी और गलत इरादे से पेश रिपोर्ट के कारण पैसा गंवाया.
जो लोग झूठी बातें फैलाते हैं, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि भारत की संस्थाओं, भारत के लोगों और राष्ट्र निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है. उन्होंने एक्स पर अंत में लिखा है, सत्यमेव जयते! जय हिंद. हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में रिपोर्ट जारी कर अडानी पर धन की हेराफेरी करने समेत अन्य आरोप लगाए थे. उसके बाद समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी.
सेबी की क्लीन चिटइससे पहले मार्केट रेगुलेटर सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को खारिज करते हुए उद्योगपति गौतम अडानी और उनकी अगुवाई वाले समूह को क्लीन चिट दे दी. सेबी ने कहा कि उसे हिंडनबर्ग के आरोपों में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला कि समूह ने अपनी सूचीबद्ध कंपनियों में पैसा भेजने के लिए संबंधित पक्षों का उपयोग किया हो. सेबी ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि विस्तृत जांच के बाद भेदिया कारोबार, बाजार में गड़बड़ी और सार्वजनिक शेयरधारिता मानदंडों के उल्लंघन के आरोप निराधार पाए गए.
हिंडनबर्ग ने जनवरी, 2023 में अडानी समूह के खिलाफ जारी एक रिपोर्ट आरोप लगाया था कि आदिकॉर्प एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स प्राइवेट लिमिटेड और रेहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड का इस्तेमाल अडानी समूह की विभिन्न कंपनियों से सार्वजनिक रूप से लिस्टेड अडानी पावर लिमिटेड और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को पैसा भेजने के लिए एक माध्यम के रूप में किया गया.
सेबी ने सुनाए दो आदेशसेबी बोर्ड के सदस्य कमलेश सी वार्ष्णेय ने दोनों आदेशों में कहा कि नियामक के खुलासा मानदंडों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ क्योंकि आदिकॉर्प, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर के बीच समूह की कंपनियों के साथ लेनदेन संबंधित पक्ष की परिभाषा दायरे में नहीं आता है. इसमें सिक्योरिटीज के बड़े अधिग्रहण या नियंत्रण से संबंधित कोई उल्लंघन भी नहीं पाया गया जो निवेशकों को गुमराह कर सकता हो. सेबी जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि अडानी की कंपनियों या अधिकारियों पर जिम्मेदारी थोपने या जुर्माना लगाने का कोई आधार नहीं था.
सेबी का यह आदेश, जनवरी, 2023 की हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद महीनों की जांच और अटकलों के बाद आया है. रिपोर्ट के कारण लिस्टेड अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. हिंडनबर्ग कंपनी अब बंद हो चुकी है. अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का बार-बार खंडन किया और उसे पूरी तरह से आधारहीन बताया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने भी कहा था कि अडानी के खिलाफ प्रथम दृष्टया गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं है.