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आजकल की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली में हृदय रोग तेज़ी से बढ़ रहे हैं। बाहर का खाना, गलत जीवनशैली, धूम्रपान, शराब पीना, व्यायाम की कमी और बढ़ता तनाव, ये सभी कारक हृदय स्वास्थ्य को सीधे प्रभावित करते हैं। अक्सर लोग हार्ट अटैक या हार्ट फेलियर के शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और यही लापरवाही एक बड़ा जोखिम पैदा करती है। इसलिए, शरीर में कुछ संकेतों को पहचानना और समय पर जाँच करवाना सभी के लिए ज़रूरी है।
हार्ट फेलियर का पहला लक्षण साँस लेने में तकलीफ़ है। अगर हल्का-फुल्का काम करते हुए भी आपको साँस फूलने या साँस फूलने जैसी समस्या महसूस हो, तो यह हृदय की कमज़ोरी का संकेत हो सकता है। इसके बाद पैरों में दर्द, एड़ियों में सूजन भी गंभीर होती है। हृदय द्वारा रक्त संचार ठीक से न कर पाने के कारण शरीर में पानी जमा हो जाता है और यह सूजन दिखाई देती है।
सीने में दर्द या भारीपन महसूस होना भी एक गंभीर चेतावनी है। अक्सर लोग इसे गैस, एसिडिटी या अपच समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। हालाँकि, बार-बार सीने में दर्द होना हार्ट फेलियर का लक्षण हो सकता है। इसके अलावा, लगातार थकान महसूस होना, शरीर में कमज़ोरी और काम करने की ऊर्जा में कमी भी हार्ट फेलियर के संकेत हैं।
हृदय गति का बढ़ना एक और प्रमुख लक्षण है। कभी छाती बहुत तेज़ धड़कती है, कभी रुक जाती है और फिर शुरू हो जाती है, ये सब हार्ट फ़ेल्योर के लक्षण हैं। साथ ही, बार-बार खांसी आना या बलगम जमा होना फेफड़ों में पानी जमा होने का संकेत है, जिसका सीधा संबंध हार्ट फ़ेल्योर से है। इसके अलावा, रात में बार-बार पेशाब आना भी हृदय रोग का एक अहम संकेत है।