बेटी की उम्र है 12 से 13 साल, मां ऐसे करें पीरियड्स के बारे में उसको गाइड
TV9 Bharatvarsh September 21, 2025 12:42 PM

टीनएज उम्र में कदम रखना किसी भी बच्चे के लिए बदलाव भरा समय होता है, लेकिन खासतौर पर लड़कियों के लिए ये काफी संवेदनशील वक्त होता है, क्योंकि उनके भीतर मानसिक बदलाव के साथ ही हार्मोनल चेंजेस और शारिरीक बदलाव भी महसूस हो रहे होते हैं. इसी दौरान पीरियड्स का शुरू होने का टाइम रहता है. कुछ लड़कियों में 13 तो कुछ को 14 और 15 में पीरियड्स आना शुरू होते हैं. ये समय हार्मोनल बदलावों पर निर्भर करती है, लेकिन जरूरी है कि पहले से ही आप अपनी लाडली को इस बारे में कुछ बेसिक जानकारियां दें ताकि इस नए बदलाव से वह परेशान न हो और इसे किसी बीमारी की तरह न समझें. इसे वह स्वाभाविक तरीके से अपनाएं और अपनी जिंदगी में होने वाले एक नॉर्मल बदलाव की तरह इसे स्वीकार पाएं.

भारतीय समाज में आज भी पीरियड्स पर खुलकर बात नहीं की जाती है. यहां तक कि जब तक पहला पीरियड शुरू न हो जाए तब तक लड़कियों को इस बारे में जीरो नॉलेज होती है, क्योंकि उन्हें कुछ बताया ही नहीं जाता है. इस आर्टिकल में जानेंगे कि माओं को अपनी टीनएज होती बेटियों को किन बातों के बारे में पहले से ही समझाना चाहिए.

हाइजीन का ध्यान रखना सिखाएं

टीनएज से कुछ समय पहले ही प्यूबिक हेयर भी आना शुरू हो जाते हैं, इसलिए सही हाइजीन की जानकारी देना बहुत जरूरी है. इसके अलावा पीरियड्स के दौरान किस तरह से हाइजीन मेंटेन करना है, इसके बारे में भी अपनी बेटी को पहले से ही धीरे-धीरे बताना शुरू करें. जैसे रोजाना साफ अंडरगारमेंट पहनना, प्राइवेट पार्ट्स की साफ-सफाई, पीरियड्स के दौरान किस तरह से पैड या टैम्पोन का यूज करना है.

पीरियड्स होना नॉर्मल है

अपनी बेटी को पहले से ही यह बताएं कि पीरियड एक बहुत ही सामान्य प्रक्रिया है, जिससे हर महिला को गुजरना होता है. ये उन्हें भी होता है और इस दौरान दर्द, ऐंठन, मूड स्विंग, जैसी समस्याएं होती हैं जिनसे वो परेशान न हो, बल्कि आपको खुलकर बता सकती है. आप उसकी पूरी हेल्प करेंगी. इससे आपकी बच्चे में पीरियड्स को लेकर जानकारी बढ़ेगी और उसके मन का डर निकलेगा.

शारीरिक बदलावों के बारे में समझाएं

पीरियड्स के साथ ही टीनएज में शारीरिक बदलाव होते हैं जैसे ब्रेस्ट में दर्द महसूस होना, बॉडी शेप में चेंजेस आना, इसलिए इस दौरान उन्हें ड्रेसिंग स्टाइल के बारे में भी समझाएं. इसका मतलब ये नहीं है कि आप उन्हें अपनी बॉडी को बहुत सारे कपड़ों में ढकने के लिए कहें, बल्कि शारीरिक बदलावों के हिसाब से कपड़ों का चयन कैसे करना होता है उन्हें समझाए जैसे इनरवियर किस तरह के पहनने हैं.

ये जरूरी बातें भी बताएं

अपनी बेटी को ये भी जानकारी दें कि पीरियड्स की अवधि तीन दिन से लेकर पांच दिन तक की हो सकती है, कुछ लड़कियों में शुरुआती महीनों में ये 6 से 7 दिन भी हो सकता है. पीरियड्स साइकिल 21 से 35 दिनों की होती है. पीरियड्स साइकिल लेट होने पर इस बारे में डिस्कस जरूर करें. इस दौरान लाल या थोड़े डार्क कलर की ब्लीडिंग होती है, जिससे घबराना नहीं है. अगर अचानक पीरियड्स शुरू हो जाएं तो घबराएं नहीं, बल्कि आपकी मदद लें. स्कूल में हैं तो अपनी किसी दोस्त, टीचर को इस बारे में बताएं.

दूसरी लड़कियों की हेल्प करना सिखाएं

अपनी बेटी को बताएं कि पीरियड्स की साइकिल की डेट एक दो दिन आगे या पीछे हो सकती है, इसलिए वह अपने साथ सेनेटरी नैपकिन, टिश्यू, टैम्पोन जैसी चीजें कैरी कर सकती है. किसी और लड़की को अगर इस तरह की परेशान हो तो वो उसकी भी हेल्प जरूर करे.

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