वो स्वाद जो सिर्फ नौ दिनों के लिए आता है... नवरात्रि की थाली की कुछ ख़ास बातें
Newsindialive Hindi September 22, 2025 09:42 AM

साल के बाकी दिन हम चाहे कितने भी फैंसी रेस्टोरेंट में खा लें,लेकिन नवरात्रि के इन नौ दिनों में घर की रसोई से जो ख़ुशबू आती है,उसकी बात ही कुछ और होती है. ये सिर्फ़ व्रत का खाना नहीं होता,ये असल में हमारी आस्था,हमारी संस्कृति और प्रकृति का एक अनूठा संगम होता है,जो हमारी थाली में सजता है. ये वो स्वाद है जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है.इस दौरान हमारी थाली से लहसुन,प्याज और अनाज जैसी चीज़ें तो दूर हो जाती हैं,लेकिन उनकी जगह जो चीज़ें लेती हैं,वे स्वाद और सेहत का एक ऐसा खज़ाना हैं,जो हमें पूरे दिन ताक़त और ताज़गी से भरा रखती हैं. तो चलिए,आज अपनी उसी जानी-पहचानी व्रत की थाली को ज़रा और प्यार से जानते हैं.1.साबूदाने की खिचड़ी: व्रत की शानये सिर्फ़ एक डिश नहीं,एक इमोशन है. माँ के हाथ की बनी वो खिली-खिली,मोतियों जैसी साबूदाने की खिचड़ी,जिसमें मूंगफली का कुरकुरापन,आलू की नरमी और नींबू का हल्का-सा खट्टापन... इसे खाते ही जैसे दिन भर की थकान मिट जाती है. यह पेट के लिए हल्की भी होती है और एनर्जी का पावरहाउस भी है.2.कुट्टू की पूड़ी और आलू की सब्ज़ी: असली जश्न तो यही हैदिन भर के उपवास के बाद, शाम को जब गरमागरम, मुलायम कुट्टू की पूरियाँ तवे से निकलती हैं, तो उसकी खुशबू ही आधी भूख मिटा देती है। और साथ में दही के साथ बिना लहसुन-प्याज वाली स्वादिष्ट आलू की सब्ज़ी... ये ऐसा मेल है जिसके आगे बड़े-बड़े भोज भी फीके पड़ जाते हैं। ये हमें बताता है कि असली स्वाद तो सादगी में ही है।3.समा के चावल: जब कुछ हल्का खाने का मन होरोज़-रोज़ तला-भुना खाकर अगर मन ऊब जाए,तो समा के चावल एक बेहतरीन दोस्त साबित होते हैं. देखने में चावल जैसे,लेकिन गुणों में कहीं बेहतर. ये बहुत ही हल्के होते हैं और आसानी से पच जाते हैं. आप इसकी नमकीन खिचड़ी बना लें या फिर मीठी खीर,यह हर रूप में लाजवाब लगते हैं.4.फ्रूट चाट: ताज़गी का झोंकाव्रत में जब भी थोड़ी कमज़ोरी या सुस्ती महसूस हो,तो एक कटोरी ताज़े फलों की चाट से बेहतर कुछ नहीं. सेब,केला,अनार और पपीता जैसे फलों पर हल्का-सा सेंधा नमक और काली मिर्च छिड़ककर खाने से शरीर को ज़रूरी विटामिन्स तो मिलते ही हैं,साथ ही एक अलग ही ताज़गी का एहसास होता है.5.मखाने की खीर: सेहतमंद मीठाव्रत में कुछ मीठा खाने की इच्छा तो होती ही है. ऐसे में मखाने की खीर एक परफेक्ट ऑप्शन है. घी में हल्के-से भुने मखाने,गाढ़ा दूध और मिठास के लिए थोड़ी-सी चीनी या गुड़. यह खीर स्वाद में तो शाही होती ही है,साथ ही कैल्शियम और प्रोटीन का भी बेहतरीन स्रोत है.नवरात्रि की यह थाली हमें सिखाती है कि हम प्रकृति से मिली कितनी साधारण चीज़ों से भी अपनी ज़िंदगी में स्वाद और सेहत,दोनों भर सकते हैं. यह सिर्फ़ एक व्रत नहीं,बल्कि अपनी बॉडी को डिटॉक्स करने और अपनी जड़ों से दोबारा जुड़ने का एक खूबसूरत त्यौहार है.
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