Amul Cut Ghee Butter Prices: देश की सबसे बड़ी डेयरी कंपनी Amul के निर्माता गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने शनिवार, 20 सितंबर को घोषणा की कि वह 700 से अधिक प्रोडक्ट्स की रिटेल कीमतों में कटौती करने जा रही है.
यह कदम GST दर में हाल की कटौती का फायदा सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है. नई कीमतें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी. GCMMF का कहना है कि इस कटौती से ग्राहकों को सीधे फायदा मिलेगा और भारत में डेयरी प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा.
किन उत्पादों पर होगी कीमत में बदलाव?
कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि कीमतों में कटौती कई प्रमुख कैटेगरी के प्रोडक्ट्स पर की गई है, जिनमें-
मक्खन (Butter) | 100 ग्राम | 62 | 58 | 4 |
घी (Ghee) | 1 लीटर | 650 | 610 | 40 |
प्रोसेस्ड चीज़ ब्लॉक (Processed Cheese Block) | 1 किग्रा | 575 | 545 | 30 |
फ्रोजन पनीर (Frozen Paneer) | 200 ग्राम | 99 | 95 | 4 |
आइसक्रीम (Ice Cream) | 500 ग्राम | 150 | 140 | 10* |
बेकरी प्रोडक्ट्स (Cake, Pastry) | 250-500 ग्राम | 120-200 | 110-190 | 10* |
कंडेंस्ड मिल्क (Condensed Milk) | 400 ग्राम | 90 | 85 | 5 |
पीनट स्प्रेड (Peanut Spread) | 200 ग्राम | 150 | 145 | 5 |
माल्ट आधारित ड्रिंक (Malt-based Drink) | 500 ग्राम | 250 | 240 | 10* |
*कटौती औसत अनुमान है, क्योंकि बेकरी और आइसक्रीम के विभिन्न पैक और फ्लेवर्स के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है.
कटौती का उद्देश्य
GCMMF के अनुसार, भारत में डेयरी प्रोडक्ट्स का प्रति व्यक्ति उपभोग अभी भी बहुत कम है. इस वजह से कीमतों में कमी करने से उपभोक्ता मक्खन, घी, चीज और आइसक्रीम जैसी उत्पादों की खपत बढ़ाएंगे, जिससे देश में डेयरी उद्योग का विस्तार और वृद्धि संभव होगी. कंपनी का यह भी मानना है कि कीमत में कमी से ग्राहक संतुष्टि बढ़ेगी और लोग अधिक उत्पाद खरीदेंगे. इसके अलावा, 36 लाख किसानों के हित में भी यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनके उत्पाद की मांग और बिक्री बढ़ेगी.
मालूम हो कि इससे पहले Mother Dairy ने भी अपने प्रोडक्ट्स की कीमतों में कमी की घोषणा की थी, जो 22 सितंबर से लागू होगी. यह दिखाता है कि डेयरी क्षेत्र में कंपनियां GST कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए तेजी से कदम उठा रही हैं.
GST कटौती का प्रभाव
हाल ही में सरकार ने GST दर में कटौती की थी. GCMMF ने इस कटौती का लाभ सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का निर्णय लिया. इससे-