झारखंड के जामताड़ा जिले में सोमवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब टाटा से बक्सर जा रही एक सुपरफास्ट ट्रेन की एक बोगी में अचानक आग लग गई। इस घटना के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई, और अपनी जान बचाने के लिए वे चलती ट्रेन से कूदने लगे। हालांकि, रेलवे कर्मचारियों की सूझबूझ और तत्परता के कारण समय रहते आग पर काबू पा लिया गया, और किसी भी यात्री को गंभीर चोट नहीं आई।
हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग पर जामताड़ा और विद्यासागर स्टेशन के बीच यह घटना तब हुई जब ट्रेन के इंजन से तीसरी बोगी के नीचे से धुआं निकलता देखा गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धुएं की मात्रा इतनी ज्यादा थी कि यात्रियों में दहशत फैल गई, और वे घबराकर अपनी जान बचाने के लिए ट्रेन से कूदने लगे। ट्रेन के चालक को जैसे ही आग लगने की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। लोको पायलट की इस सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया।
आग लगने की खबर मिलते ही रेलवे का स्टाफ तुरंत हरकत में आया। उन्होंने अग्निशमन यंत्रों की मदद से आग बुझाने का काम शुरू किया। करीब 45 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आग ट्रेन के ब्रेक शू (अंडर गियर) में अत्यधिक घर्षण के कारण लगी थी।
इस घटना के बाद, रेलवे ने ट्रेन को आगे रवाना करने से पहले पूरी तकनीकी जांच की। अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
यात्रियों ने बताया कि लोको पायलट की समय पर की गई कार्रवाई ने उन्हें एक बड़े खतरे से बचाया। उन्होंने कहा कि अगर ट्रेन तुरंत नहीं रुकती, तो आग पूरी बोगी में फैल सकती थी और जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता था। इस घटना से यह एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि भारतीय रेलवे के लिए यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।
फिलहाल, रेलवे ने इस घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच का उद्देश्य आग लगने के सटीक कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित उपाय करना है।