राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर रविवार को जोधपुर पहुंचे और सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शिक्षकों के ट्रांसफर नीति और उनके अधिकारों को लेकर खुलकर बोले। उन्होंने शिक्षकों को उनके कर्तव्यों और राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी का स्मरण कराते हुए कहा कि उन्हें पूरी लगन और ईमानदारी से कार्य करना चाहिए।
शिक्षकों के प्रति सम्मान और निवेदनटीचर ट्रांसफर पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि “शिक्षक हमारे पूज्य गुरुजन हैं। उनसे निवेदन है कि राष्ट्र को हमेशा प्रथम मानें। उन्हें जो भी कार्य दिया गया है और जहां भी उन्हें नियुक्त किया गया है, उसे पूरी ताकत और ईमानदारी से करना चाहिए।” मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह नीति केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि शिक्षकों की पेशेवर क्षमता और समर्पण को भी ध्यान में रखकर बनाई जा रही है।
तबादला नीति और परफॉर्मेंस आधारित निर्णयशिक्षा मंत्री ने कहा कि आगामी समय में शिक्षकों के ट्रांसफर उनकी परफॉर्मेंस को आधार बनाकर किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन शिक्षकों का प्रदर्शन अच्छा है, उन्हें राहत दी जाएगी और वे अपनी सेवाओं का सही उपयोग जारी रखेंगे। वहीं जिनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर है, उन्हें ट्रांसफर में राहत नहीं दी जाएगी।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह निर्णय केवल शिक्षक की कार्यकुशलता और छात्र-शिक्षक के बीच गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है। उनका मानना है कि इससे शिक्षकों की जवाबदेही बढ़ेगी और राज्य के शिक्षा स्तर में सुधार होगा।
शिक्षा सुधार और प्रशासनिक दृष्टिकोणमदन दिलावर ने कहा कि सरकार शिक्षकों के विकास और स्कूल शिक्षा में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। ट्रांसफर नीति में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए परफॉर्मेंस आधारित प्रणाली अपनाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह नीति शिक्षकों को उनके कौशल और मेहनत के अनुसार न्यायसंगत अवसर प्रदान करेगी।
प्रतिक्रिया और आगे की योजनाशिक्षा मंत्री की इस घोषणा को शिक्षक संगठनों और शिक्षा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने सकारात्मक कदम माना है। उनका कहना है कि परफॉर्मेंस आधारित ट्रांसफर नीति शिक्षकों में जिम्मेदारी और समर्पण की भावना को बढ़ावा देगी। सरकार की योजना है कि नीति का कार्यान्वयन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा और इसके परिणामों का अध्ययन कर आवश्यक सुधार किए जाएंगे।