लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के बयान के बाद बिहार की राजनीति में एक बड़ा मोड़ आ गया है। तेज प्रताप यादव ने यह साफ कर दिया कि वह अब कभी भी राजद में वापसी नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि यह संकल्प भगवान के सामने लिया है और इससे पीछे नहीं हटेंगे. तेज प्रताप ने कहा, “माता-पिता का स्थान अलग है और पार्टी का स्थान अलग. माता-पिता हमेशा पूजनीय रहेंगे, लेकिन RJD से अब मेरा कोई रिश्ता नहीं रहेगा.”
तेज प्रताप ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में वे महुआ से चुनाव लड़ेंगे. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी पार्टी कितनी सीटों पर मैदान में उतरेगी.
उनका कहना था कि समय आने पर इसका ऐलान किया जाएगा. उन्होंने संकेत दिया कि ‘जन शक्ति’ के बैनर तले उम्मीदवार पूरे बिहार में चुनाव लड़ सकते हैं.
तेज प्रताप ने शिक्षा को दी पहली प्राथमिकता
तेज प्रताप ने अपनी नई राजनीति की दिशा और विचारधारा भी स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की प्राथमिकता शिक्षा होगी. तेज प्रताप ने कहा, “सभी दलों की नींव शिक्षा से रखी गई है. ब्लैक बोर्ड पर जब शिक्षक पढ़ाता है, तभी बच्चे सिखते हैं कि कलम क्या है और धनुष क्या है. शिक्षा ही हर बदलाव की कुंजी है.” इसी कारण उन्होंने अपनी पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘ब्लैक बोर्ड’ रखा है.
RJD के लिए बड़ा झटका
तेज प्रताप का यह बयान राजद के लिए एक झटके की तरह देखा जा रहा है. पहले से ही पार्टी के भीतर दरार और नाराजगी की खबरें आती रही हैं. अब तेज प्रताप के पूरी तरह अलग रास्ता चुनने से राजद को चुनावी समीकरण में नुकसान हो सकता है. खासकर तब, जब छोटे भाई तेजस्वी यादव पार्टी की कमान संभाले हुए हैं.
जनता से जुड़ने की कोशिश
तेज प्रताप ने कहा कि उनकी राजनीति जनता की समस्याओं के समाधान पर केंद्रित होगी. उन्होंने दोहराया कि शिक्षा, रोजगार और युवाओं को सही दिशा देने पर उनका विशेष ध्यान रहेगा. उनके मुताबिक, जिस समाज में शिक्षा मजबूत होगी, वहीं से बेहतर राजनीति और मजबूत भविष्य का निर्माण होगा.