Navratri Third Day 2025: शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन आज, जानें मां चंद्रघंटा की पूजा विधि, मंत्र और आरती
TV9 Bharatvarsh September 24, 2025 08:42 PM

Navratri Day 3 Chandraghanta Mata: नवरात्रि के 9 दिन हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माने गए हैं, जो कि देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों को समर्पित हैं. 9 दिवसीय इस पर्व के दौरान भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए हर दिन उनके अलग स्वरूप की पूजा करते हैं और उनका प्रिय भोग लगाते हैं. आज शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है और इस दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसलिए उन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें और उनको क्या भोग लगाएं.

नवरात्रि के तीसरे दिन कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए?

मां चंद्रघंटा का प्रिय रंग लाल और पीला दोनों माना जाता है. ऐसे में नवरात्रि के तीसरे दिन लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए. तीसरे नवरात्रि पर पूजा के दौरान मां चंद्रघंटा को लाल रंग के वस्त्र और फूल अर्पित किए जाते हैं.

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का मंत्र क्या है?

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का मंत्र “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” है. नवरात्रि के तीसरे दिन पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करने से मां चंद्रघंटा अपनी कृपा भक्तों पर बरसाती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को क्या भोग लगाना चाहिए?

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाईयां और खीर का भोग लगाना चाहिए. मां चंद्रघंटा को विशेष रूप से केसर की खीर उन्हें बहुत पसंद है. आप देवी चंद्रघंटा को लौंग, इलायची, पंचमेवा, पेड़े, या मिसरी का भी भोग लगा सकते हैं.

मां चंद्रघंटा को कौन सा फूल पसंद है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को कमल का फूल चढ़ाया जाता है, जो शांति और पवित्रता का प्रतीक है. कमल का फूल मां चंद्रघंटा को बहुत पसंद है.

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंंटा ती पूजा कैसे करें?

ब्रह्म मुहूर्त में उठें:- नवरात्रि के तीसरे दिन सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठें.

स्नान और स्वच्छ वस्त्र:- स्नान करके साफ, लाल या पीले रंग के कपड़े पहनें.

पूजा स्थल की सफाई:- पूजा घर को गंगाजल से पवित्र कर पुराने फूलों को हटा दें.

मां की स्थापना:- फिर मां चंद्रघंटा की मूर्ति या प्रतिमा को स्थापित करें.

देवी का आवाहन:- धूप-दीप जलाकर मां चंद्रघंटा का आवाहन कर उनका स्मरण करें.

श्रृंगार:- मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं, रोली, चंदन, अक्षत और फूल अर्पित करें.

भोग लगाना:- मां को दूध से बनी मिठाई या शहद का भोग लगाना चाहिए.

मंत्र जाप:- मां चंद्रघंटा के मंत्र ‘ओम देवी चंद्रघंटायै नमः’ का जाप करें.

पाठ और आरती:- दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ कर अंत में मां की आरती करें.

प्रसाद वितरण:- पूजा के बाद प्रसाद परिवार और सभी लोगों में वितरित करें.

मां चंद्रघंटा की आरती

जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।पूर्ण कीजो मेरे काम॥

चन्द्र समाज तू शीतल दाती।चन्द्र तेज किरणों में समाती॥

मन की मालक मन भाती हो।चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥

सुन्दर भाव को लाने वाली।हर संकट में बचाने वाली॥

हर बुधवार को तुझे ध्याये।श्रद्धा सहित तो विनय सुनाए॥

मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।सन्मुख घी की ज्योत जलाएं॥

शीश झुका कहे मन की बाता।पूर्ण आस करो जगत दाता॥

कांचीपुर स्थान तुम्हारा।कर्नाटिका में मान तुम्हारा॥

नाम तेरा रटू महारानी।भक्त की रक्षा करो भवानी॥

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. टीवी9 भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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