बिहार के मधुबनी ज़िले की लौकहा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक लक्ष्मेश्वर राय ने गुरुवार (9 अक्टूबर) को नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया। उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (JDU) से इस्तीफ़ा देकर तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का दामन थाम लिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने अपने इस्तीफे के लिए पार्टी के कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा की "मनमानी" को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "अब पार्टी में नीतीश कुमार नहीं, बल्कि संजय झा सब कुछ चला रहे हैं। मुख्यमंत्री को दरकिनार कर दिया गया है और कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है।"
क्या चिराग पासवान की वजह से वे 2020 का चुनाव हार गए?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में, लक्ष्मेश्वर राय को लौकहा में राजद उम्मीदवार भारत भूषण मंडल ने मात्र 1,007 मतों से हराया था। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को राय की हार का मुख्य कारण माना गया था।
क्या मधुबनी के समीकरण बदलेंगे?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि लक्ष्मेश्वर राय के राजद में शामिल होने से मधुबनी ज़िले के समीकरणों पर काफ़ी असर पड़ सकता है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दो महीनों में दो बार लौकहा विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं, जिससे यह सीट उनकी प्राथमिकता बन गई है।
राजद में शामिल होने के संकेत पहले ही दे चुके थे
सूत्रों के अनुसार, पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान राजद में शामिल होने के संकेत दिए थे कि अगर उन्हें लौकहा से टिकट नहीं मिला, तो वे राजद में शामिल हो जाएँगे, और अंततः ऐसा ही हुआ।