बिहार विधानसभा चुनावों के समीकरणों को साधने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर महिला वोटरों को अपने पाले में लाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इस बार कमान सौंपी गई है ‘रेखा की टोली’ को — यानी बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा गुप्ता के नेतृत्व में बनी विशेष टीम को, जो दिल्ली से सीधे बिहार पहुंच चुकी है।
रेखा गुप्ता, जो दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र राजनीति से निकलकर बीजेपी में सक्रिय हैं, अब पार्टी की महिला रणनीति की एक सशक्त चेहरा बन चुकी हैं। उनकी टोली में कई प्रशिक्षित, जमीनी अनुभव रखने वाली महिला नेता शामिल हैं, जिन्हें बिहार के अलग-अलग जिलों में भेजा जाएगा ताकि महिला वोटरों के बीच पार्टी की नीतियों को प्रभावी ढंग से पहुंचाया जा सके।
महिलाओं पर फोकस: क्यों जरूरी है यह रणनीति?
बिहार में महिला मतदाता एक बड़ा और निर्णायक वर्ग हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले कई चुनावों में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से अधिक रही है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में महिला मतदाता अब राजनीतिक रूप से अधिक जागरूक हो चुकी हैं। ऐसे में कोई भी पार्टी इस वर्ग को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती।
बीजेपी की यह टोली महिला सुरक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण, उज्ज्वला योजना, पीएम आवास और जनधन योजना जैसी केंद्र सरकार की सफल योजनाओं को महिलाओं तक सीधे संवाद के माध्यम से पहुंचाने का काम करेगी।
रेखा गुप्ता ने पटना में मीडिया से बातचीत में कहा, “बिहार की महिलाएं अब सिर्फ रसोई तक सीमित नहीं हैं। वे नीति और सरकार में भागीदारी चाहती हैं। हमारी कोशिश है कि हर घर की महिला तक बीजेपी की नीतियों की जानकारी पहुंचे, ताकि वे सशक्त निर्णय ले सकें।”
जमीनी स्तर पर अभियान की तैयारी
इस टोली का संचालन बूथ स्तर तक किया जाएगा। योजना के अनुसार, महिलाओं की छोटी बैठकें, स्व-सहायता समूहों के साथ संवाद, कॉलेजों में युवतियों से बातचीत और महिला मतदाताओं के लिए विशेष जनसंपर्क अभियान चलाए जाएंगे।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस टोली की सक्रियता बढ़ाई जा रही है। ‘नारी शक्ति संग बीजेपी’ जैसे अभियान चलाकर महिला मतदाताओं से भावनात्मक जुड़ाव की कोशिश की जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि बीजेपी महिला वोटरों को प्रभावी ढंग से साधने में सफल रही, तो यह कई सीटों पर उसका पलड़ा भारी कर सकता है। रेखा की टोली की भूमिका इसमें निर्णायक हो सकती है।
बहरहाल, बिहार की धरती पर एक बार फिर कमल खिलाने के लिए दिल्ली से आई यह महिला ब्रिगेड कितना असर डालती है, यह तो आने वाले चुनावी नतीजे ही बताएंगे।
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